Note Exchange: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने नियमों में विशेष प्रावधान किया है जिसके अंतर्गत भारत के नागरिक किसी भी बैंक शाखा में जाकर अपने क्षतिग्रस्त, फटे या अपूर्ण नोट बदल सकते हैं. आइए जानें इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से.
क्षतिग्रस्त नोट क्या होते हैं?
आरबीआई के अनुसार क्षतिग्रस्त नोट वे होते हैं जो उपयोग के दौरान गंदे (Soiled notes) हो गए हैं या फिर वे नोट जिनके दो टुकड़े हो गए हैं लेकिन वे अभी भी एक ही नोट के रूप में पहचाने जा सकते हैं. इन्हें किसी भी बैंक शाखा में जमा किया जा सकता है और वहां इनका आदान-प्रदान किया जाता है.
कटे-फटे नोटों का आदान-प्रदान
जिन नोटों का कोई हिस्सा गायब होता है या जो दो से अधिक टुकड़ों में होते हैं. उन्हें मुद्रास्फीति नोट (Mutilated notes) कहा जाता है. इन नोटों को भी किसी भी बैंक शाखा में ले जाकर बदला जा सकता है. बैंक यह सुनिश्चित करेगी कि इन नोटों को बदलने का कोई भी अधिकार किसी एक व्यक्ति या डीलर के पास न हो.
अत्यधिक क्षतिग्रस्त नोटों के लिए विशेष व्यवस्था
वे नोट जो बहुत अधिक फटे या जले हुए हैं. उन्हें सामान्य तरीके से संभालना संभव नहीं होता. ऐसे नोटों को बैंक शाखाओं में स्वीकार नहीं किया जाता. बल्कि इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक के किसी निर्गम कार्यालय में जमा करना पड़ता है. जहां इनका मूल्यांकन किया जाता है.
करेंसी नोट बदलने की सीमा और शुल्क
प्रतिदिन अगर कोई व्यक्ति 5,000 रुपये तक के नोट प्रस्तुत करता है तो उसे कोई शुल्क नहीं देना पड़ता. हालांकि अगर प्रस्तुत नोटों की संख्या या मूल्य इस सीमा से अधिक होता है, तो बैंक शुल्क लगा सकता है.
नोट बदलने की प्रक्रिया
अगर व्यक्ति कम मात्रा में नोट बदलना चाहता है, तो उसे नॉन-चेस्ट ब्रांच में जमा करना होगा. अधिक मात्रा में नोट होने पर उसे करेंसी चेस्ट शाखा में जाना पड़ सकता है. बैंक द्वारा रसीद दी जाती है और निर्धारित समय के अंदर उसके खाते में मूल्य क्रेडिट कर दिया जाता है.