Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के 63 जिलों में से 12 में अब तक बाईपास (bypass roads) या रिंग रोड (ring roads) की सुविधा नहीं है. इस कारण वहां के निवासी लगातार यातायात जाम (traffic congestion) की समस्या से जूझ रहे हैं. लोक निर्माण विभाग (PWD) ने हाल ही में शासन को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें बाईपास की आवश्यकता वाले जिलों का उल्लेख किया गया है.
जिलों में बाईपास निर्माण की योजना
बाईपास की कमी वाले इन 12 जिलों में बहराइच गोंडा मीरजापुर मैनपुरी फर्रुखाबाद औरैया भदोही बुलंदशहर संभल चंदौली बागपत और श्रावस्ती शामिल हैं. इनमें से बहराइच गोंडा मीरजापुर मैनपुरी और फर्रुखाबाद में बाईपास बनाने की योजना पर कार्य प्रारंभ (construction plan) कर दिया गया है. जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं और उन्हें जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है.
प्रस्तावित बाईपास के लाभ
नए बाईपास का निर्माण यातायात जाम की समस्या को कम करने के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा समय को भी घटाएगा (reduce travel time). इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि प्रदूषण का स्तर भी कम होगा. इसके अलावा यह क्षेत्रीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.
बजट और आर्थिक प्रावधान
शासन ने इस परियोजना के लिए 350 करोड़ रुपये (budget allocation) का प्रावधान किया है. जिसे आवश्यकता पड़ने पर 1,050 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. फर्रुखाबाद में प्रस्तावित बाईपास के निर्माण पर अनुमानित खर्च 626.60 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इस बजट में नवीनतम निर्माण तकनीकों का उपयोग और बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों को शामिल करने की योजना है.
आगे की दिशा
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष योगेश पवार के अनुसार जिलाधिकारियों से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद कार्ययोजना (action plan) पर तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के जिलों में यातायात की समस्या को कम करना है. जिससे कि आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी अधिक सुविधाजनक और सुगम बन सके.