दिल्ली-NCR क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा बन चुके हरियाणा के गुरुग्राम सहित अन्य शहरों में यातायात के निर्बाध संचालन के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। इस कड़ी में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से तीन महत्वपूर्ण हाइवे को सीधा जोड़ने के लिए गुरुग्राम मेट्रो डेवलपमेंट ऑथोरिटी (GMDA) ने एक बड़ी योजना शुरू की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की मंजूरी के बाद, इस योजना पर काम आरंभ हो चुका है।
प्रोजेक्ट की विशेषताएं और लागत
इस प्रोजेक्ट के तहत GMDA द्वारा 750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस महीने के अंत तक एक हायर्ड कंसल्टेंट द्वारा फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। जिसमें वाटिका चौक पर क्लोवरलीफ निर्माण के लिए आवश्यक भूमि की मात्रा का भी उल्लेख होगा। प्रोजेक्ट की कुल लागत का अधिकांश भाग लगभग 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण पर खर्च होने की संभावना है।
प्रोजेक्ट की टाइमलाइन और भविष्य की योजनाएं
अगले वर्ष की शुरुआत में इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। दावा किया जा रहा है कि 2024 के अंत तक इस प्रोजेक्ट के लिए निविदाएं लगा दी जाएंगी। इस प्रोजेक्ट से न केवल तीन मुख्य हाइवे जुड़ेंगे। बल्कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और द्वारका एक्सप्रेसवे भी आपस में संबद्ध होंगे। जिससे क्षेत्रीय यातायात की गतिशीलता में बढ़ोतरी होगी।

हाइवे और एक्सप्रेसवे का संयोजन
यह प्रोजेक्ट गुरुग्राम के तीन प्रमुख हाइवे—दिल्ली-जयपुर (NH-48), गुरुग्राम-अलवर (NH-248), और गुरुग्राम-महरौली (NH-148A)—को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसके अलावा NH-48 पर स्थित खैड़कीदौला टोल प्लाजा के पास द्वारका एक्सप्रेसवे से भी कनेक्शन स्थापित होगा। जिससे IGI एयरपोर्ट, द्वारका, कुंडली, नरेला, बवाना और रोहणी तक सीधी पहुँच सुलभ होगी।
आठ मुख्य जंक्शन और विस्तृत नेटवर्क
वाटिका चौक पर एक बड़े इंटरचेंज के निर्माण के साथ इस प्रोजेक्ट से आठ नए सेक्टर सीधे जुड़ेंगे। इन सेक्टरों में सेक्टर 69, 70, 71, 72, 74, 74A, 75, और 75A शामिल हैं। जहां पर मुख्य जंक्शन और क्लोवरलीफ का निर्माण होगा। NHAI ने इस प्रोजेक्ट के लिए 13 मई 2024 को आवश्यक अनुमति प्रदान की है। जिससे इस प्रोजेक्ट की गति और भी तेज होगी।















