Custom Duty Rise On Edible Oils : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत क्रूड और रिफाइंड खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी में भारी वृद्धि की है. इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य घरेलू बाजार को संरक्षित करना और स्थानीय किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करना है. आज हम इस नए नियमन के प्रभावों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे.
कस्टम ड्यूटी में दिखाई गई सीधी और उल्लेखनीय वृद्धि
फाइनेंस मिनिस्ट्री के नवीनतम नोटिफिकेशन के अनुसार सूरजमुखी तेल, पाम ऑयल, और सोयाबिन ऑयल जैसे प्रमुख खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया गया है. क्रूड तेलों पर यह वृद्धि जीरो से बढ़ाकर 20% की गई है, जबकि रिफाइंड तेलों पर यह वृद्धि 12.5% से बढ़ाकर 32.5% की गई है. इस बदलाव का उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को बाहरी प्रतिस्पर्धा से रक्षा प्रदान करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच की गई राहती घोषणा
सरकार ने प्याज के किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. प्याज पर लगने वाले न्यूनतम निर्यात मूल्य को समाप्त कर दिया गया है और इसके निर्यात पर लगने वाली ड्यूटी को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है. इस कदम से प्याज के किसानों को बढ़ती हुई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग का लाभ उठाने में मदद मिलेगी, साथ ही प्याज की बढ़ती हुई कीमतों पर भी नियंत्रण रखने में सहायता मिलेगी.
किसानों को मिलने वाले फायदे
इस नीतिगत बदलाव से किसानों को विशेष रूप से लाभ होगा क्योंकि अब उन्हें अपने उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य मिल सकेगा. बासमती चावल और प्याज जैसे उत्पादों पर से न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने से किसानों के निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे उनकी आय में सुधार होगा.