RBI Penalty: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक पर कुछ वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में पाई गई खामियों के लिए भारी जुर्माने लगाए हैं. इस कार्रवाई के तहत एक्सिस बैंक पर 1.91 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना आरोपित किया गया है.
इस कदम को बैंकिंग विनियमन अधिनियम के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन और विशेष रूप से ‘जमा पर ब्याज दर’, ‘अपने ग्राहक को जानें (KYC Compliance)’ और ‘कृषि ऋण प्रवाह- गिरवी मुक्त कृषि ऋण (Agricultural Loan Norms)’ के नियमों का पालन न करने के कारण उठाया गया है.
जुर्माने का ग्राहकों की सेवाओं पर कोई असर नहीं
आरबीआई के अनुसार, ये जुर्माने केवल वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कमियों के कारण लगाए गए हैं और इससे बैंकों के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
इस कार्यवाही का उद्देश्य बैंकों को उनकी नियामकीय जिम्मेदारियों के प्रति अधिक सचेत करना और उन्हें नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए प्रेरित करना है. इस जुर्माने से ग्राहक सेवा या उपलब्धियों पर किसी तरह का नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.
ऋण और जमा के बीच वृद्धि का अंतर
भारतीय बैंकों के सामने आने वाली एक बड़ी चुनौती ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि के बीच का असंतुलन है. हाल के दिनों में, बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों की दर जमा दर से कहीं अधिक है, जिससे नकदी की चुनौतियां और भी गंभीर हो सकती हैं. फिक्की और भारतीय बैंक संघ (IBA) की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार इस असंतुलन को दूर करने के लिए जमा की दरों को बढ़ाना और ऋण की लागत को कम रखना बैंकों की प्राथमिकताओं में से एक है.
इसके अलावा सर्वेक्षण में शामिल 67% बैंकों ने यह भी स्वीकार किया कि उनके कुल जमा में चालू और बचत खाते (Current and Savings Account – CASA Deposits) की हिस्सेदारी कम होती जा रही है, जो कि एक चिंताजनक ट्रेंड है.














