Today Tomato Price: सातवें आसमान से औंधे मुंह गिरी प्याज और टमाटर की कीमतें, सरकार ने बनाया ये खास प्लान

By Uggersain Sharma

Published on:

भारतीय बाजार में जहां महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है, वहां प्याज और टमाटर की कीमतों में जल्द ही गिरावट आने की उम्मीद है। सरकार ने हाल ही में 5 लाख टन प्याज का भंडार तैयार किया है। जिसे बाजार में उतारने की तैयारी जोरों पर है। इस कदम से कीमतों पर नियंत्रण पाने की संभावना है जो उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत बन सकती है।

सब्सिडी वाले टमाटर की बिक्री

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने दिल्ली में सब्सिडी वाले टमाटर की बिक्री को हरी झंडी दिखाई है। इस पहल को जल्द ही अन्य शहरों में भी प्रसारित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत टमाटर 60 रुपये प्रति किलो की दर से खुदरा खरीददारों को उपलब्ध कराए जाएंगे, जो बाजार मूल्य से काफी कम है।

खाद्य महंगाई की वर्तमान स्थिति

हाल के महीनों में उपभोक्ता महंगाई दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जिसमें जून माह में यह 5.1% पर पहुंच गई थी। खासकर सब्जियों की कीमतों में उछाल से खाद्य महंगाई दर 9.4% तक बढ़ गई। टमाटर, प्याज और आलू जैसी आवश्यक वस्तुएं दोगुनी कीमत पर पहुंच गईं। जिससे आम जनता पर भारी आर्थिक दबाव पड़ा है।

सरकारी उपाय और भविष्य की योजनाएं

सरकार ने प्याज और टमाटर की कीमतों को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। प्याज के भंडारण से न केवल किसानों को उचित मूल्य मिल रहा है। बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा, सरकार ने पिछले साल भी अगस्त में कीमतों में उछाल के बाद रियायती दर पर प्याज की बिक्री शुरू की थी।

सरकार की योजनाओं से कुछ राहत मिलने की उम्मीद

इस समय सरकार की योजनाओं से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन लंबे समय तक कीमतों को स्थिर रखने के लिए और भी गहन उपायों की आवश्यकता होगी। सरकार को न केवल मौजूदा समस्या का समाधान करना होगा। बल्कि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए एक मजबूत और टिकाऊ नीति भी विकसित करनी होगी।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.