Shamli-Gorakhpur Expressway: देश में तेजी से बढ़ रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के बीच उत्तर प्रदेश में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के रूप में उभर रहा है. यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने का काम करेगा. बल्कि इससे हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. आज हम इस एक्सप्रेसवे की विशेषताओं और इसके लाभों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.
700 किमी लंबा गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक बड़ा कदम है. 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे राज्य के 22 जिलों से गुजरेगा. जिसमें 37 तहसीलें भी शामिल होंगी. यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली तक जाएगा. इसके निर्माण से राज्य के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा समय में काफी कमी आएगी और लोगों को एक आधुनिक और तेज़ यात्रा सुविधा मिलेगी.
बेहतर कनेक्टिविटी का वादा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के बीच भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जैसे जिलों को आपस में जोड़ा जाएगा. इससे इन क्षेत्रों के बीच यातायात सुगम होगा और यात्रा के समय में भी काफी कमी आएगी.
यात्रा का समय होगा आधा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद गोरखपुर से शामली की यात्रा समय में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. वर्तमान में इस दूरी को तय करने में लगभग 15 घंटे लगते हैं. लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह समय घटकर केवल 8 घंटे रह जाएगा. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा के दौरान होने वाली थकान भी कम होगी.
आपातकालीन हवाई पट्टी
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को एक आपातकालीन एक्सप्रेसवे के रूप में भी विकसित किया जा रहा है. इसके तहत इस एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी बनाई जाएगी. जहां आपात स्थिति में हवाई जहाज भी उतर सकेंगे. यह सुविधा न केवल सेना और सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण होगी. बल्कि आपदा प्रबंधन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होगी.
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हजारों पेड़ और झाड़ियां लगाई जाएंगी. जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा. यह न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार करेगा. बल्कि इस क्षेत्र में हरियाली और सौंदर्य में भी वृद्धि करेगा.
रोजगार का अवसर
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान हजारों मजदूरों को रोजगार मिलेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा. इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे के किनारे कई औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना भी की जाएगी. जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इससे क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को अपने ही राज्य में रोजगार प्राप्त होगा.
अंबाला एक्सप्रेसवे से जुड़ाव
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे आगे गंगा एक्सप्रेसवे और अंबाला एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. शामली में यह अंबाला एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. जिससे उत्तर प्रदेश और पंजाब के बीच बेहतर रोड कनेक्टिविटी होगी. अंबाला एक्सप्रेसवे नॉर्थ-ईस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है. जिससे उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के बीच यातायात और भी सुगम हो जाएगा.
भविष्य के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है. इससे राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच यातायात की सुविधा में सुधार होगा और लोगों को तेज़ और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों के बीच भी बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगी, जो राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति देगा.