आजकल हर कोई अपने घर में एसी लगवाना चाहता है। लेकिन बिजली के बिल से सब परेशान हैं। ऐसे में सोलर पैनल लगाकर इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। दिन-प्रतिदिन सोलर पैनल का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है। बिजली के बिल से छुटकारा पाने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोग तेजी से सोलर एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। अगर आपके घर में 1 एसी है और आप सोच रहे हैं कि इसके लिए कितने किलोवाट का सोलर पैनल चाहिए, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स।
एसी की पावर खपत
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपका एसी कितनी बिजली की खपत करता है। आमतौर पर 1.5 टन का एसी करीब 1.5 किलोवाट बिजली की खपत करता है। यदि आप दिन में औसतन 6 घंटे एसी चलाते हैं, तो यह लगभग 9 यूनिट बिजली की खपत करेगा। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि सोलर पैनल की कितनी जरूरत होगी।

सोलर पैनल की क्षमता
अब सवाल आता है कि कितने किलोवाट का सोलर पैनल इंस्टॉल करना चाहिए। एक औसत सोलर पैनल करीब 250 से 400 वॉट की क्षमता का होता है। यदि हम औसतन 300 वॉट प्रति पैनल मानें, तो 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम बनाने के लिए 3 से 4 पैनल की जरूरत होगी। अगर आपका एसी 9 किलोवाट-घंटे की खपत करता है, तो आपको कम से कम 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम चाहिए होगा। इससे न केवल आपका एसी चलेगा, बल्कि घर की अन्य बिजली की जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी।
1 टन एसी के लिए सोलर सिस्टम
यदि आप 1 टन का एसी लगाते हैं, तो आपको 2 किलोवाट का सोलर सिस्टम पर्याप्त है। इसमें आप एसी के साथ-साथ घर के अन्य उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, पंखे, कूलर आदि भी चला सकते हैं। ध्यान रहे कि यदि आपका एसी अच्छी रेटिंग का है, तो बिजली की खपत और भी कम होगी। जैसे, 5 स्टार रेटिंग का एसी 3 स्टार रेटिंग वाले एसी की तुलना में काफी कम बिजली खाता है।
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की लागत और सब्सिडी
सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की लागत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि पैनल की गुणवत्ता, इंस्टॉलेशन का क्षेत्र और सिस्टम की क्षमता। आमतौर पर 2 किलोवाट के सोलर पैनल सिस्टम की लागत 1 लाख से 1.2 लाख रुपये तक हो सकती है। जबकि 3 किलोवाट सोलर सिस्टम की लागत 1.5 लाख से 1.7 लाख रुपये तक हो सकती है।
सब्सिडी की सुविधा
अच्छी खबर यह है कि सरकार सोलर पैनल पर सब्सिडी प्रदान करती है। केंद्र सरकार पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 60% की सब्सिडी देती है। यानी कि अगर आप 3 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाते हैं, तो आपको 78,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा राज्य सरकारें भी सब्सिडी देती हैं। यह सब्सिडी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है। लेकिन आमतौर पर यह 20-40% होती है। ऐसे में आज के समय में सोलर पैनल लगाना काफी सस्ता हो गया है।
सोलर पैनल लगवाने से पहले क्या करें?
सोलर पैनल लगवाना कोई मामूली बात नहीं है। इसके लिए थोड़ी होमवर्क करनी पड़ेगी। सबसे पहले, अपने घर की छत को चेक करें। क्या वहां पर्याप्त जगह है? क्या छत सोलर पैनल का वजन सहन कर पाएगी? फिर, अपने बिजली के बिल को देखें। पिछले कुछ महीनों के बिल से आपको अंदाजा लग जाएगा कि आपको कितनी बिजली की जरूरत है।
सही वेंडर का चयन
इसके बाद अपने इलाके में कुछ अच्छे सोलर पैनल इंस्टॉलर (वेंडर) से बात करें। सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वेंडर की लिस्ट आप पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के ऑफिशियल पोर्टल पर देख सकते हैं। पीएम सूर्यघर योजना के तहत केवल आप इन्हीं वेंडर से सोलर लगवा सकेंगे।
सोलर पैनल की देखभाल
सोलर पैनल एक लंबी अवधि का निवेश है, इसलिए इसकी देखभाल भी महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से पैनल को साफ रखें, ताकि वे अधिकतम बिजली उत्पादन कर सकें। इसके अलावा, समय-समय पर पैनल और सिस्टम की जांच कराते रहें। ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या को समय रहते ठीक किया जा सके।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
सोलर पैनल न केवल बिजली के बिल को कम करते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सोलर एनर्जी एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करता है। इससे ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण की समस्या को भी कम किया जा सकता है।
सोलर पैनल के अन्य फायदे
सोलर पैनल के अन्य कई फायदे हैं। सबसे पहले यह आपको बिजली के बिल से छुटकारा दिलाता है। दूसरे यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता। तीसरे सोलर पैनल का उपयोग करने से बिजली की बचत होती है, जो अन्य ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है।