Income tax law का पालन करके हर टैक्सपेयर टैक्स बचाने का प्रयास कर सकता है। टैक्स बचाने के कई विकल्प हैं, चाहे पुराना हो या नया। लेकिन टैक्स बचाने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाने वालों को अब न्याय नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, कुछ लोग टैक्स रिटर्न भरने के लिए फर्जी रसीद बनाते हैं। उनका मानना है कि वे इनकम टैक्स विभाग को धमका सकते हैं। लेकिन AI के युग में, इनकम टैक्स विभाग ऐसे फर्जी तरीकों को पकड़ने के लिए अच्छी तकनीक है। 31 जुलाई 2024 को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तिथि है, इसलिए आपको जानना चाहिए कि आयकर विभाग फर्जी किराया रसीदों को कैसे पकड़ता है।
AI की सहायता से
आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके आयकर विभाग फर्जी किराया रसीदों का पता लगा रहा है। यह आईएस, फॉर्म-16 और फॉर्म-26 को आपस में मिलाकर बनाता है।
AI विश्लेषण
आपको किराए पर रहने पर मिलने वाले HRA पर टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन आपको सही किराए की रसीद दिखानी होगी। अब आयकर विभाग आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके पता लगा रहा है कि आप फर्जी रसीदों का उपयोग करके टैक्स नहीं बच रहे हैं।
क्या HRA नियम हैं?
HRA को कटौती के तौर पर दिखाने के लिए, आपकी कंपनी आपको HRA देनी चाहिए। साल भर का ₹1 लाख से अधिक का किराया देने वाले मकान मालिक का PAN नंबर भी देना होगा। आयकर विभाग फिर आपके बताए HRA को आईएस फॉर्म में दर्ज मकान मालिक के PAN से जुड़े लेनदेन से मिलाता है। विभाग आपको एक नोटिस भेज सकता है अगर दर्ज लेनदेन और बताई गई रकम में कोई फर्क पाया जाता है।
1 लाख से कम किराया नहीं
साल भर में एक लाख रुपये से कम किराया देने पर मकान मालिक का PAN बताना आवश्यक नहीं है। आयकर विभाग ऐसे मामलों में 1 लाख रुपये तक के HRA दावा नहीं देखता।
AI से पकड़ रहे नकली
HRA का फायदा उठाने के लिए कई लोग फर्जी उपायों का उपयोग करते हैं। इसका कारण यह है कि अधिक किराया दिखाने पर उस रकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। कुछ लोग इस लालच में फर्जी रसीदें जमा करते हैं, सोचकर कि वे पकड़े नहीं जाएंगे। हालाँकि, आयकर विभाग के AI सिस्टम अब ऐसे चोरों को पकड़ने और उन्हें नोटिस देने में काफी सक्षम हो गए हैं।