आधुनिक लाइफ स्टाइल में जहां हर चीज़ की रफ्तार महत्वपूर्ण है। वहां भूख लगने पर तुरंत खाना पहुंचाने वाले ऐप्स एक वरदान साबित होते हैं। इस तकनीकी सुविधा का लाभ उठाना न सिर्फ आसान है, बल्कि यह व्यस्त जीवन में समय की बचत भी करता है। बस कुछ ही क्लिक्स में गरमागरम खाना आपकी देहलीज पर हाज़िर हो जाता है।
क्या ऑनलाइन खाना आपकी जेब पर भारी पड़ता है?
विशेष रूप से तैयार किए गए खाने का आनंद तो बहुत होता है, परंतु यह आनंद कई बार आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर हाल ही में एक चर्चा ने जोर पकड़ा, जब एक यूजर ने रेस्टोरेंट से सीधे खरीदे गए खाने और जोमैटो के माध्यम से मंगवाए गए खाने के बिलों की तुलना प्रस्तुत की। इस तुलना से पता चला कि ऑनलाइन ऑर्डर में कीमत में लगभग 184 रुपये का अंतर था।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप्स के अतिरिक्त शुल्क
जब यह बात सामने आई कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप्स खाने की कीमत में अधिक वसूली कर रही हैं, तो इसने कई लोगों को चौंका दिया। 3 पीस की 2 प्लेट इडली, 2 घी पोडी इडली, 1 चेटिनाड मसाला डोसा और एक मैसूर मसाला डोसा जोमैटो से ऑर्डर करने पर जहां 987.65 रुपये का बिल बना तो वहीं सेम रेस्टोरेंट में इतने खाने का कुल कीमत 803 रुपये हैं।
My uncle ordered food from Murugan idly shop . See the Price difference between @zomato and actual . pic.twitter.com/R83rVHKJhZ
— Kannan (@Kannan__TS) July 16, 2024
एक तरफ जहां रेस्टोरेंट से सीधे खरीदे गए खाने की कीमत कम थी। वहीं ऑनलाइन ऐप्स द्वारा खाने की कीमत, डिलीवरी चार्ज और अन्य टैक्सेस को मिलाकर बढ़ा दी गई थी। यही नहीं कई मामलों में खाने के मेनू आइटम की कीमत को भी बढ़ा दिया गया था।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लोगों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ उपभोक्ता इस अतिरिक्त खर्च को सुविधा की कीमत मान कर चुकाने को तैयार थे। वहीं अन्य ने इसे अनुचित माना। इस बहस में कई लोगों ने यह तर्क दिया कि जो अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है वह उनके आराम और सुविधा के लिए है। क्योंकि उन्हें बिना किसी परेशानी के घर बैठे खाना मिल जाता है।