भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने हाल ही में फास्टैग के संबंध में नई शर्तें और केवाईसी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार एक अगस्त से फास्टैग से जुड़ी सेवाओं पर नया नियम लागू हो रहा है। यदि नया वाहन लेने के बाद 90 दिनों के अंदर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर फास्टैग पर अपडेट नहीं किया जाता है, तो उसे हॉटलिस्ट में डाल दिया जाएगा।
31 अक्तूबर तक के लिए विस्तारित समय
इस नई प्रक्रिया के तहत, फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियों को 31 अक्तूबर तक पांच और तीन साल पुराने सभी फास्टैग की केवाईसी करनी होगी। यह समयावधि उन्हें नई शर्तों को पूरा करने और जरूरी बदलावों को लागू करने का मौका देगी।
केवाईसी प्रक्रिया के नए नियम
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, फास्टैग खरीदने वाले हर ग्राहक को अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर और वाहन की फोटो फास्टैग के साथ जोड़नी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक फास्टैग विशेष वाहन से सही तरीके से लिंक हो।
नए वाहन मालिकों पर प्रभाव
नए नियम के अनुसार नया वाहन लेने के बाद ग्राहकों को 90 दिनों के भीतर फास्टैग पर वाहन का नंबर अपडेट करना होगा। इसके बाद अतिरिक्त 30 दिनों की अवधि दी जाएगी। जिसमें यदि अपडेट नहीं किया गया तो फास्टैग को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
फास्टैग के लिए बैंक शुल्क
फास्टैग के संबंधित बैंक लेन-देन, फास्टैग की समाप्ति या नवीनीकरण और अन्य सेवाओं पर विभिन्न शुल्क लागू हो सकते हैं। इसमें स्टेटमेंट जारी करने का शुल्क, फास्टैग बंद करने का शुल्क, और टैग मैनेजमेंट शुल्क शामिल हैं।
तीन महीने तक कोई लेन-देन न होने पर फास्टैग बंद
यदि फास्टैग का उपयोग तीन महीने तक नहीं किया जाता है, तो वह निष्क्रिय हो जाएगा। इसे पुनः सक्रिय कराने के लिए ग्राहकों को विशेष पोर्टल पर जाना होगा। यह नियम उन वाहन मालिकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो अपने वाहनों का उपयोग कम करते हैं या जिनके लेन-देन नहीं होते हैं।