मधुमक्खी पालन का बिजनेस आपको बना सकता है मालामाल, कम खर्चे में मोटी कमाई करने का मौका

By Vikash Beniwal

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bee farming training

Bee farming training: भारत ही नहीं दुनियाभर में शहद की मांग हमेशा बनी रहती है. औषधियों से लेकर पोषण में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. जिसके कारण मधुमक्खी पालन एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में उभरा है. कम लागत में अधिक कमाई के चलते यह बिजनेस युवाओं और किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर (profitable business for youth and farmers) बन गया है. खासतौर पर कम भूमि वाले किसान इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं.

मधुमक्खी पालन में करियर की संभावनाएं

मधुमक्खी पालन न सिर्फ एक व्यवसाय है बल्कि इसे करियर (career in beekeeping) के रूप में भी अपनाया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग खासकर युवा मधुमक्खी पालन में एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं. कीट विज्ञान विशेषज्ञों के अनुसार मधुमक्खी पालन के लिए सही प्रजाति का चयन (choosing the right bee species) बेहद जरूरी है. भारत में दो प्रमुख प्रजातियाँ पाई जाती हैं: एपिस सेराना (देसी मधुमक्खी) और एपिस मेलिफेरा (विदेशी मधुमक्खी). यदि व्यावसायिक स्तर पर मधुमक्खी पालन करना हो तो एपिस मेलिफेरा (Apis Mellifera for commercial beekeeping) बेहतर विकल्प है.

मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग क्यों है जरूरी?

मधुमक्खी पालन के लिए ट्रेनिंग लेना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि यह एक जीवित प्राणी आधारित व्यवसाय (live bee management) है. मधुमक्खियों को सालभर में विभिन्न मौसमों के अनुसार देखभाल की आवश्यकता होती है. उन्हें समय-समय पर सही फीडिंग (feeding management) और संक्रमण से बचाने के लिए उपाय करने होते हैं. ऐसे में ट्रेनिंग से मधुमक्खी पालन की बारीकियाँ सीखकर शहद उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है.

कहाँ मिलती है मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग?

भारत में कई कृषि विश्वविद्यालय और संस्थान मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग (beekeeping training institutes) प्रदान करते हैं. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (YS Parmar University) जैसे संस्थान किसानों और युवाओं को 7 दिन से 6 महीने तक की ट्रेनिंग देते हैं. ये ट्रेनिंग अक्सर मुफ्त (free beekeeping training) होती है और इसमें शहद उत्पादन से लेकर मधुमक्खियों की देखभाल की तकनीक तक सिखाई जाती है.

मधुमक्खी पालन से अतिरिक्त आय के स्रोत

शहद उत्पादन के अलावा मधुमक्खी पालन (income from beekeeping) से कई अन्य उत्पाद भी प्राप्त किए जा सकते हैं, जैसे कि प्रोपोलिस, बीवेनम और रॉयल जेली (Propolis, Bee Venom, and Royal Jelly). इन उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग होती है और इनसे अतिरिक्त आय (additional income from beekeeping products) प्राप्त की जा सकती है. शहद को कच्चे रूप में बेचने के साथ-साथ उसे प्रोसेस करके भी बेचा जा सकता है. जिससे अधिक मुनाफा प्राप्त होता है.

लागत और मुनाफे का गणित

मधुमक्खी पालन में कम लागत के साथ अधिक मुनाफा (low cost high profit business) संभव है. उदाहरण के लिए एपिस मेलिफेरा कॉलोनी के लिए एक हाइव बॉक्स की कीमत लगभग 3,000 रुपये होती है. एक कॉलोनी में 15 से 20 किलो शहद उत्पन्न होता है. यदि माइग्रेट्री बी कीपिंग (migratory beekeeping) की जाए, तो प्रति कॉलोनी 40 से 50 किलो शहद (honey production per colony) प्राप्त किया जा सकता है.

1 लाख की लागत पर 3 लाख की कमाई

यदि आप 1 लाख रुपये की लागत से मधुमक्खी पालन शुरू करते हैं और 15 हाइव बॉक्स का सेटअप लगाते हैं, तो आप लगभग 750 किलो शहद उत्पादन (750 kg honey production) कर सकते हैं. शहद की बाजार में कीमत 400 रुपये प्रति किलो है. जिससे 3 लाख रुपये की आय (earnings from beekeeping) प्राप्त की जा सकती है. इस तरह आप 2 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं. शहद के अलावा अन्य उत्पादों से भी कमाई जोड़ने पर यह आय और भी बढ़ सकती है.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.