गुरुग्राम जिसे साइबर सिटी के नाम से भी जाना जाता है। आज भारी यातायात और इसके प्रबंधन के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक एलिवेटेड रोड के निर्माण की योजना है। जिस पर 750 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है।
द्वारका एक्सप्रेसवे और उसके चुनौतियां
गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लोग अक्सर द्वारका एक्सप्रेसवे का उपयोग करते हैं। इस मार्ग पर वाहन चालकों को सुभाष चौक से हीरो होंडा चौक होते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे तक पहुँचना पड़ता है। जो कि अक्सर यातायात जाम की समस्या से ग्रस्त रहता है। इस कारण से यात्रा में अनावश्यक समय और ईंधन की बर्बादी होती है।
पीक आवर्स और भयंकर ट्रैफिक जाम
पीक घंटों में खासकर सुबह और शाम के समय, गुरुग्राम में यातायात अत्यधिक बढ़ जाता है। इस दौरान वाटिका चौक और आसपास के इलाके ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझते हैं। वाहन चालकों को यहां से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ने में आधे से एक घंटे तक का समय लग जाता है।
नई योजनाएं और भविष्य की संभावनाएं
इस समस्या का समाधान करने के लिए GMDA ने एक एलिवेटेड रोड के निर्माण की योजना बनाई है, जो कि साढ़े 3 किलोमीटर लंबी होगी और इसे तीन-तीन लेन का बनाया जाएगा। इस एलिवेटेड रोड के बन जाने से द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक की यात्रा केवल दो से तीन मिनट में पूरी हो सकेगी।
फायदे और आगे की रणनीति
इस परियोजना के चलते न केवल यातायात में सुधार होगा। बल्कि यह दिल्ली और फरीदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए भी सुविधाजनक होगा। इसके अलावा इस एलिवेटेड रोड के निर्माण से आसपास के इलाकों में व्यापार और आवासीय संपत्तियों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।
संभावित चुनौतियां और समाधान
इस परियोजना के लिए बादशाहपुर गांव के पास से करीब ढाई एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा। जिस पर करीब 130 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा कुछ दुकानों को भी हटाना पड़ सकता है, जो कि अवैध रूप से बनी हुई हैं।
टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन का उपयोग
इस परियोजना में सेटेलाइट सिस्टम के माध्यम से टोल वसूली की जाएगी। जिससे टोल वसूली में आने वाली समस्याओं का समाधान हो सकेगा। मई महीने में GMDA के CEO ए. श्रीनिवास ने NHAI अध्यक्ष संतोष कुमार यादव को इस परियोजना के बारे में जानकारी दी और उन्हें योजना के लाभों से अवगत कराया। गुरुग्राम की इस नई पहल से न केवल यातायात की समस्या का समाधान होगा। बल्कि यह शहर के विकास को भी एक नई दिशा प्रदान करेगा।















