22 लाख करोड़ की लागत से बनेंगे 18000KM लंबा एक्सप्रेसवे, सफर में समय और ईंधन की होगी तगड़ी बचत

By Ajay Kumar

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भारत में निरंतर विकास की दिशा में एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। देश के लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से लेकर छोटे द्वारका एक्सप्रेसवे तक इन हाईस्पीड सड़कों ने यात्रा के समय को काफी कम कर दिया है। जहां पहले यात्रा में 25-30 घंटे लगते थे वह अब 10-12 घंटे में सिमट गई है। इस तरह के विकास से न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि यात्रा का अनुभव भी सुधर रहा है।

सड़क परिवहन मंत्रालय की बड़ी योजनाएं

सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय जिसका नेतृत्व नितिन गडकरी कर रहे हैं, ने आने वाले वर्षों में 18,000 किलोमीटर नए एक्सप्रेसवे का निर्माण करने की योजना बनाई है। इसके अलावा मंत्रालय ने 22 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2031-32 तक देश में हाईवे नेटवर्क को 30,600 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना प्रस्तुत की है। इस पहल से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी और व्यापार में सुगमता आएगी।

ट्रैफिक जाम से मुक्ति की दिशा में कदम

एक्सप्रेसवे और हाई-स्पीड कॉरिडोर के विकास के साथ ही मंत्रालय ने शहरों के आसपास के 4000 किमी नेशनल हाईवे को ट्रैफिक जाम से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह पहल शहरी क्षेत्रों में यातायात की समस्याओं को कम करने में मदद करेगी और दैनिक आवागमन को अधिक सुविधाजनक बनाएगी।

नए हाईवे पर वाहनों की बढ़ती गति

नए निर्मित हाईवे पर वाहनों की गति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। मौजूदा औसत गति जो कि 47 किलोमीटर प्रति घंटा है उसे बढ़ाकर 85 किलोमीटर प्रति घंटा तक करने की योजना है। यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि लॉजिस्टिक लागत में भी कमी लाएगी जिससे देश की समग्र आर्थिक क्षमता में वृद्धि होगी।