हिसार जंक्शन और रायपुर स्टेशन के बीच महज 6 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन इन दोनों के प्रशासनिक विभाजन ने यात्रियों के लिए असुविधाएं बढ़ा दी हैं। हिसार रेलवे स्टेशन बीकानेर मंडल के तहत आता है, जबकि रायपुर स्टेशन अंबाला डिवीजन का हिस्सा है। अब, रेल यात्री वेलफेयर एसोसिएशन ने बीकानेर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर रायपुर स्टेशन को बीकानेर मंडल में शामिल करने की मांग की है।
हर दिन हजारों यात्री और मालगाड़ियों का संचालन
हिसार जंक्शन पर रोजाना 10,000 से 12,000 यात्री सफर करते हैं। इसके अलावा, यहां से करीब 70 रेलगाड़ियां गुजरती हैं। मालगाड़ियों का भी बड़ा हिस्सा इस स्टेशन से होकर गुजरता है, जिसमें इंजन शिफ्टिंग और रखरखाव जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
6 प्लेटफॉर्म पर सीमित सुविधाएं
हिसार जंक्शन पर वर्तमान में 6 प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन इनके विस्तार की संभावनाएं तकनीकी रूप से सीमित हैं। संगठन का मानना है कि रायपुर स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित करने से न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि ट्रैकिंग और गाड़ियों के संचालन में भी सुधार होगा।
68 करोड़ की परियोजना से मिल सकती है नई दिशा
रेलवे बोर्ड ने हिसार स्टेशन पर कोचिंग सुविधा बढ़ाने के लिए 68 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। एसोसिएशन का सुझाव है कि यदि रायपुर स्टेशन बीकानेर मंडल में शामिल हो जाता है, तो इस राशि का उपयोग बेहतर योजनाओं और यात्री सुविधाओं के विस्तार में किया जा सकता है।
प्रशासनिक सीमा बदलने की जरूरत
रायपुर स्टेशन के अंबाला डिवीजन से बीकानेर मंडल में स्थानांतरण से न केवल यात्री सेवाएं सुचारू होंगी, बल्कि मालगाड़ियों की आवाजाही और ट्रैक प्रबंधन भी अधिक प्रभावी हो सकेगा। रेलवे अधिकारियों ने इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है।