Hydrogen Train: भाप इंजन से लेकर डीजल और बिजली द्वारा चलने वाली रेलगाड़ियों तक भारतीय रेलवे ने समय के साथ न केवल अपनी गति बढ़ाई है. बल्कि तकनीकी रूप से भी अपने आप को काफी अपग्रेड किया है. आज लग्जरी ट्रेनें जैसे वंदे भारत, शताब्दी और तेजस ने यात्रा के अनुभव को और भी आधुनिक बना दिया है. इन सबके बीच भारतीय रेलवे अब एक नई टेक्नोलॉजी की ओर अग्रसर है जिसमें ट्रेनें ‘पानी’ से चलाई जाएंगी.
पानी से चलने वाली ट्रेन का आगमन
भारत में पहली बार हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन (Hydrogen train in India) का संचालन किया जाएगा जिसका परीक्षण अगले महीने से शुरू हो जाएगा. यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल होगी और इसे चलाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होगी. यह एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है और इसके सफल होने पर इसे बड़े लेवल पर लागू किया जाएगा.
हाइड्रोजन ट्रेनों की योजना
भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (Hydrogen fuel cell technology) का प्रयोग करते हुए इस नई तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक के तहत ट्रेन हाइड्रोजन गैस को ऊर्जा में परिवर्तित करके चलेगी. इससे न केवल ईंधन की खपत में कमी आएगी बल्कि प्रदूषण में भी बहुत बड़ी कमी आएगी.
हाइड्रोजन ट्रेन की विशेषताएं
हाइड्रोजन ट्रेन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पर्यावरण के लिए हानिकारक उत्सर्जन नहीं करती है. यह ट्रेन हाइड्रोजन गैस का उपयोग करके चलती है जिससे केवल पानी और भाप निकलती है. इस तकनीक के माध्यम से रेलवे न केवल अपनी ऊर्जा लागत को कम करेगा बल्कि साथ ही साथ यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और तेज बनाएगा.
भारत में हाइड्रोजन ट्रेन का भविष्य
हाइड्रोजन ट्रेनों का विकास और संचालन भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके चालू होने से रेल यात्रा की दिशा और दशा में बड़ा बदलाव आएगा. इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बहुत लाभकारी सिद्ध होगा.