National Highway: भारतीय शहरों में कचरे की समस्या एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. जिसे देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम (significant step) उठाया है. इस कदम के अंतर्गत शहरी ठोस अपशिष्ट को सड़क निर्माण के काम में लाया जाएगा, जो कि स्वच्छ भारत मिशन-2.0 के तहत एक प्रगतिशील पहल है.
ठोस अपशिष्ट का नवीनीकरण उपयोग
इस पहल के तहत इंडस्ट्री वेस्ट और अन्य प्रकार के कचरे जैसे कि प्रोसेस्ड सालिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, स्टील स्लैग को भी सड़कों के निर्माण में उपयोग करने की योजना है. यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि स्थायी निर्माण सामग्री के रूप में कचरे के पुनः उपयोग (recycling waste) को बढ़ावा देगा.
गाइडलाइन और उनकी महत्वपूर्णता
सरकार ने सड़क निर्माण के लिए ठोस अपशिष्ट के उपयोग की विस्तृत गाइडलाइन तैयार की है. ये गाइडलाइन सभी राज्य सरकारों को भी जारी की गई हैं ताकि वे भी इस नई तकनीक का लाभ उठा सकें. इस पहल से सड़क निर्माण में नवाचार (innovation in construction) को बल मिलेगा और लागत में भी बचत होगी.
सफल पायलट प्रोजेक्ट और विस्तार योजना
गति शक्ति अभियान के तहत दो पायलट प्रोजेक्ट जहाँ ठोस अपशिष्ट का प्रयोग सड़क निर्माण में किया गया, वे सफल रहे हैं. इस सफलता के बाद अब इसे अन्य राष्ट्रीय और राज्य सड़कों के निर्माण में भी अपनाया जाएगा.
नोडल अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के साथ सरकार ने सुनिश्चित किया है कि इस नई व्यवस्था को कारगर तरीके से लागू किया जा सके. इन अधिकारियों का काम होगा परियोजनाओं में ठोस अपशिष्ट का सही उपयोग सुनिश्चित करना और त्रिपक्षीय करार के माध्यम से इसे क्रियान्वित करना.