Blue Aadhar Card: भारत में आधार कार्ड एक जरूरी पहचान पत्र है. जिसका उपयोग विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं के लिए किया जाता है. यह न केवल वयस्कों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी उपलब्ध है. जिसे नीला आधार कार्ड या ‘बाल आधार कार्ड’ कहा जाता है. इस कार्ड की खासियत यह है कि इसका बैकग्राउंड नीला होता है जो इसे सफेद आधार कार्ड से अलग बनाता है.
नीला आधार कार्ड
नीला आधार कार्ड विशेष रूप से पांच साल या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए बनाया जाता है. यह कार्ड पांच वर्ष की आयु के बाद अमान्य हो जाता है और बच्चे को नया आधार कार्ड बनवाना पड़ता है जिसमें उनकी बायोमेट्रिक जानकारी शामिल की जाती है.
नीले और सफेद आधार कार्ड में अंतर
मुख्य अंतर यह है कि नीले आधार कार्ड में बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी शामिल नहीं होती है और यह केवल पांच वर्ष तक वैध रहता है. इसके विपरीत सफेद आधार कार्ड वयस्कों के लिए है और इसमें पूर्ण बायोमेट्रिक डेटा होता है.
पांच वर्ष के उपरांत आधार कार्ड की वैधता
पांच वर्ष की उम्र के बाद नीला आधार कार्ड अमान्य हो जाता है और बच्चों को एक नया आधार कार्ड जिसमें उनकी बायोमेट्रिक जानकारी शामिल होती है बनवाना पड़ता है. इस नए कार्ड को 15 वर्ष की उम्र तक अपडेट करना पड़ता है.
नीला आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
बच्चों का नीला आधार कार्ड बनवाने के लिए माता-पिता को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल आईकार्ड के साथ एनरोलमेंट सेंटर पर जाना होता है. इस प्रक्रिया में बच्चे का फोटोग्राफ लिया जाता है और कोई बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती है.
माता-पिता की भूमिका और दस्तावेज सत्यापन
आधार कार्ड बनवाने के लिए माता-पिता का आधार कार्ड भी जरूरी है. क्योंकि बच्चे का आधार उनके आधार से लिंक होता है. सभी दस्तावेजों की जांच के बाद नीला आधार कार्ड जारी किया जाता है.