Helmet Challan: भारतीय सड़कों पर वाहन चलाते समय सुरक्षा का महत्व जरूरी है. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अंतर्गत हेलमेट पहनना अब हर व्यक्ति के लिए जरूरी है. चाहे वह वाहन चालक हो या पीछे बैठा यात्री (Helmet for two-wheelers). सिख समुदाय को छोड़कर सभी के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है. इस नियम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली गंभीर चोटों और मौतों को कम करना है.
कोर्ट का कठोर रुख
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन की नीति पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट किया कि हेलमेट का उपयोग महज एक कानूनी प्रावधान नहीं. बल्कि एक सुरक्षा उपाय है (Court ruling on helmet usage). धार्मिक आधार पर किसी भी तरह की छूट का कोई तार्किक आधार नहीं है और सभी को बिना किसी अपवाद के हेलमेट पहनना चाहिए.
धार्मिक छूट पर विवाद
शुरुआत में सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट दी गई थी. जिसके बाद व्यापक विरोध हुआ. धार्मिक संगठनों के दबाव के चलते यह नियम लागू किया गया था. लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सुरक्षा के नियमों (Religious exemption controversy) के विपरीत बताया.
सुरक्षा मानकों पर जोर
हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि हेलमेट की क्वालिटी ऐसी होनी चाहिए कि वह दुर्घटना के समय अधिकतम सुरक्षा प्रदान कर सके. इसके अलावा सभी व्यक्तियों को हेलमेट सही तरीके (Importance of proper helmet usage) से पहनने की आवश्यकता है. जिसमें स्ट्रैप को ठीक से बांधना भी शामिल है.
हेलमेट पहनने का सही तरीका
सही साइज का हेलमेट चुनें जो आपके सिर पर आराम से फिट बैठे. हेलमेट की स्ट्रैप को हमेशा बांधे रखें ताकि दुर्घटना की स्थिति में यह सिर से न निकले (Correct helmet wearing procedure) और पूरी सुरक्षा प्रदान कर सके.