Car Discount : त्योहारों का सीजन हमेशा से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहतरीन समय रहा है। इस दौरान वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को बड़ी छूट और आकर्षक ऑफर्स मिलते हैं। हालांकि, इस साल स्थिति थोड़ी अलग है। जहां एक ओर कुछ कारों पर भारी छूट मिल रही है, वहीं दूसरी ओर डीलरशिप पर वाहनों की इन्वेंट्री का ढेर लग गया है। आइए जानते हैं इस समय की बदलती स्थिति और क्या हैं इस सीजन के खास ऑफर्स।
त्योहारी सीजन में क्यों बढ़े हैं ऑफर्स?
ऑटोमोबाइल सेक्टर के विशेषज्ञ मानते हैं कि त्योहारी सीजन में छूट और ऑफर्स का मुख्य कारण मांग और आपूर्ति के अंतर से जुड़ा हुआ है। पिछले कुछ महीनों में, कारों की मांग डीलरशिप के स्तर पर कमजोर रही है, लेकिन कार निर्माता कंपनियों ने वाहनों की सप्लाई जारी रखी है। परिणामस्वरूप, डीलरशिप्स पर इन्वेंट्री का भारी जमावड़ा हो गया है, जिससे उन्हें छूट और आकर्षक ऑफर्स देने पड़ रहे हैं।
डीलरशिप पर इन्वेंट्री का ढेर
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, इस समय डीलरों को 80-85 दिनों के उच्चतम इन्वेंट्री स्तर का सामना करना पड़ रहा है। इससे जुड़ी कुल इन्वेंट्री का मूल्य लगभग ₹79,000 करोड़ है, जो 7,90,000 वाहनों के बराबर है। इन्वेंट्री के इस ढेर के कारण, डीलरों को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है और नकदी प्रवाह से जुड़ी चुनौतियां बढ़ गई हैं।
किसे मिल रही है छूट?
त्योहारी सीजन में कार निर्माताओं ने हैचबैक, सेडान, एमपीवी (मल्टी पर्पस व्हीकल) और एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) पर ऑफर्स बढ़ा दिए हैं। इन ऑफर्स में आमतौर पर नकद छूट, एक्सचेंज बोनस, और कॉर्पोरेट छूट शामिल होते हैं। मारुति सुजुकी, ह्यूंदै, महिंद्रा, टाटा और किआ जैसी प्रमुख कंपनियों की बेस्ट-सेलर कारों पर खास ऑफर दिए जा रहे हैं।
डीलरों को हो रही है वित्तीय चुनौतियों का सामना
इन्वेंट्री के ढेर के कारण डीलरों के नकदी प्रवाह में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। फाडा ने हाल ही में इस स्थिति पर चिंता जताई थी। डीलरों को वाहनों की अधिक आपूर्ति और कम मांग के कारण मौजूदा वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ मॉडल जिन पर छूट नहीं
हालांकि, त्योहारी सीजन में ज्यादातर मॉडलों पर छूट मिल रही है, फिर भी कुछ कारों पर अभी तक कोई खास डिस्काउंट नहीं दिया जा रहा है। ये मॉडल आमतौर पर उच्च मांग वाले होते हैं और इनकी सप्लाई सीमित होती है। इन कारों पर डीलरों द्वारा छूट देने की संभावना कम रहती है।