धान उत्पादक किसानों की हो गई मौज, भाव में हुई 500 रूपए की बढ़ोतरी

By Vikash Beniwal

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Dhan Price: केंद्र सरकार ने हाल ही में बासमती चावल के निर्यात पर लगने वाले न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price) को समाप्त कर दिया है. जिससे धान के भाव में बढ़ोतरी होने की संभावना है. यह फैसला धान उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है.

MEP खत्म होने का तत्काल प्रभाव

MEP को खत्म करने के फैसले का असर तुरंत धान के भाव पर दिखाई दिया. इस खबर के बाद धान की कीमत में 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई. जिससे किसानों में उत्साह बढ़ा है.

नया भाव और बाजार की स्थिति

वर्तमान में 1509 किस्म के धान का भाव 2,900 से 3,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गया है. इस बढ़ोतरी से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है.

सरकारी नीतियों का प्रभाव

केंद्र सरकार की इस नीति से घरेलू बाजार में बासमती और गैर-बासमती चावल की कीमतों में स्थिरता आने की संभावना है. पहले ऊँचे MEP के कारण भारतीय बासमती चावल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं था. अब इसे पूरी तरह समाप्त कर दिए जाने से निर्यात में वृद्धि होगी.

नई नीति का प्रभाव और किसानों की राय

किसानों और राइस मिलर्स ने इस नई नीति का स्वागत किया है क्योंकि इससे उनके उत्पादों की पहुंच विश्व बाजार तक बढ़ेगी और उन्हें बेहतर मूल्य मिल सकेगा. यह नीति न केवल निर्यात को बढ़ावा देगी. बल्कि किसानों की आर्थिक समृद्धि में भी योगदान देगी.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.