Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों की परवरिश में प्यार और स्नेह (love and affection) का विशेष महत्व होता है. परिवार में बच्चों को प्यार और सुरक्षा का माहौल प्रदान करना चाहिए. ताकि वे आत्मविश्वासी और सुरक्षित महसूस कर सकें. जब बच्चे इस तरह के परिवेश में पलते हैं, तो वे अधिक सफल और खुशहाल जीवन जीने में सक्षम होते हैं.
सम्मान की शिक्षा
चाणक्य नीति कहती है कि बच्चों को छोटे से ही दूसरों का आदर करना सिखाना चाहिए. यह सिखावन उन्हें समाज में सम्मानित और सफल बनाती है. बच्चे जब सभी का सम्मान करते हैं, तो खुद भी सम्मान पाते हैं और उनके चरित्र का विकास होता है.
नैतिकता का पाठ
आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों को सही और गलत के बीच का फर्क समझाना चाहिए. यह नीति उन्हें जीवन के हर पड़ाव पर सही निर्णय लेने में मदद करेगी और वे अधिक नैतिक और सिद्धांतों पर चलने वाले बनेंगे.
आज्ञाकारिता और स्वतंत्रता
बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के साथ-साथ उन्हें स्वतंत्र सोचने की क्षमता भी देनी चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि बच्चों को बड़ों का आदर करना चाहिए. लेकिन गलत बातों के लिए ‘ना’ कहना भी आना चाहिए. यह सिखावन उन्हें संतुलित और तर्कसंगत बनाती है.
नई चीजें सीखने की उत्सुकता
बच्चों को हमेशा नई चीजें सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उनके प्रश्नों का समर्थन करने से उनकी जिज्ञासा बढ़ती है और वे जीवन भर सीखने की प्रक्रिया में लगे रहते हैं. इससे उनका व्यक्तित्व विकसित होता है और वे अधिक सफल बन सकते हैं.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)