Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपनी युवावस्था में समय की कद्र नहीं करता वह भविष्य में कई कठिनाइयों का सामना करता है. युवावस्था वह समय है जब व्यक्ति के पास अपार ऊर्जा और समय होता है. यदि इस समय का सही ढंग से उपयोग नहीं किया गया तो व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी सही दिशा में नहीं बढ़ पाता. समय का महत्व (value of time) समझना और उसे सही दिशा में लगाना सफलता का पहला कदम होता है.
धन का सोच-समझकर उपयोग करें
धन का महत्व न समझना युवावस्था में की गई सबसे बड़ी गलतियों में से एक है. आचार्य चाणक्य का मानना था कि जो लोग जवानी में धन का सही तरीके से उपयोग नहीं करते. उन्हें जीवनभर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है. युवावस्था में आय बढ़ाने के साधनों पर ध्यान देने के साथ-साथ खर्च करने की आदतों को भी नियंत्रित करना (manage expenses) आवश्यक है.
सही संगति का महत्व
चाणक्य नीति के अनुसार गलत संगति युवावस्था में सबसे बड़ा खतरा है. गलत संगति में पड़ने से व्यक्ति को ना केवल तत्काल समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बल्कि इसका असर जीवनभर बना रहता है. सही मार्गदर्शन और अच्छी संगति (right company) का चुनाव युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है. अच्छी संगत से जीवन में सकारात्मकता और स्थिरता आती है. जिससे लंबे समय तक सफलता हासिल की जा सकती है.
अनावश्यक गतिविधियों से बचें
आचार्य चाणक्य का मानना है कि युवावस्था में फालतू गतिविधियों में समय बर्बाद करना (wasting time in unnecessary activities) एक गंभीर गलती होती है. जो व्यक्ति अपना कीमती समय निरर्थक कार्यों में बिताता है. वह जीवन में सफलता से दूर हो जाता है. युवाओं को अपने समय का सही प्रबंधन करना चाहिए और उस समय को उन गतिविधियों में लगाना चाहिए, जो उनके भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करें.
भविष्य की तैयारी
चाणक्य नीति के अनुसार युवावस्था में भविष्य की योजनाओं पर ध्यान न देना एक गंभीर गलती है. जो लोग जवानी में अपने भविष्य की योजना नहीं बनाते, वे आगे चलकर जीवन में संघर्ष करते हैं. समय रहते भविष्य की योजना (future planning) बनाना और उस दिशा में कदम उठाना सफलता की कुंजी है. यह हमें जीवन की अनिश्चितताओं से बचने में मदद करता है और हमें स्थिरता प्रदान करता है.
लक्ष्य का निर्धारण
लक्ष्यहीन जीवन जीना आचार्य चाणक्य के अनुसार सबसे बड़ी गलतियों में से एक है. बिना लक्ष्य के जीवन (goal-less life) न केवल व्यक्ति को दिशाहीन बनाता है, बल्कि उसे जीवन में कोई ठोस उपलब्धि हासिल करने से भी रोकता है. युवाओं को जीवन में स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उस दिशा में काम करना चाहिए. लक्ष्य के बिना जीवन में कोई ठोस दिशा प्राप्त करना मुश्किल होता है.
अनुशासन
अनुशासनहीन जीवनशैली युवाओं के लिए एक बड़ा खतरा है. चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति युवावस्था में अनुशासन का पालन नहीं करता, उसे भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अनुशासनहीनता से व्यक्ति अपने कार्यों में असफल होता है और जीवन में स्थिरता प्राप्त करना कठिन हो जाता है. समय की पाबंदी और अनुशासन का पालन (importance of discipline) करके ही व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है.
बुरी आदतों से बचें
युवावस्था में बुरी आदतों का शिकार होना व्यक्ति के विकास को बाधित करता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार बुरी आदतें (bad habits in youth) जीवनभर नुकसान पहुंचाती हैं और व्यक्ति का व्यक्तिगत और पेशेवर विकास रोक देती हैं. युवाओं को इन आदतों से दूर रहना चाहिए और अपने जीवन में सकारात्मक आदतों को अपनाना चाहिए. बुरी आदतों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है अपने समय और ऊर्जा को सही दिशा में लगाना.
सही निर्णय लें
चाणक्य नीति के अनुसार युवावस्था में लिया गया गलत निर्णय (wrong decision in youth) जीवनभर पछतावे का कारण बन सकता है. इसलिए युवाओं को हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहिए. जल्दबाजी में लिए गए निर्णय हमेशा नुकसानदायक होते हैं. युवावस्था में सही निर्णय लेने से जीवन की दिशा सही होती है और व्यक्ति अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकता है.
स्वास्थ्य का ध्यान रखें
चाणक्य के अनुसार युवावस्था में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा (ignoring health in youth) करना भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए युवाओं को इस समय अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए. नियमित व्यायाम, सही आहार और मानसिक शांति का ध्यान रखने से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से मजबूत रहता है. बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार होता है.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)