BSNL 5G towers: भारत संचार निगम लिमिटेड जो कि नेटवर्क मुद्दों के लिए अक्सर आलोचना का सामना करता रहा है अब इस दिशा में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है. हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश पश्चिमी सर्किलों में कंपनी ने 15,000 नेटवर्क टावर (network towers) स्थापित किए हैं जिससे स्थानीय उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी. आने वाले समय में 80,000 और नए टावर लगाने की योजना से इसमें और वृद्धि होने की संभावना है.
बीएसएनएल का नया 4G और 5G-रेडी प्लेटफार्म
बीएसएनएल ने हाल ही में एक नया 4G और 5G-रेडी ओवर-द-एयर (OTA) प्लेटफॉर्म और यूनिवर्सल सिम (USIM) प्लेटफॉर्म (universal SIM platform) लॉन्च किया है जिसका उद्देश्य बीएसएनएल की सेवाओं को अधिक गुणवत्ता युक्त और उपयोगी बनाना है.
यह प्लेटफॉर्म सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” पहल के अनुरूप विकसित किया गया है और इससे उपयोगकर्ताओं को बिना क्षेत्रीय बाधाओं के सिम कार्ड बदलने की सुविधा मिलेगी. इस प्लेटफॉर्म को पायरो होल्डिंग्स के सहयोग से विकसित किया गया है.
बीएसएनएल नेटवर्क की तेजी और कवरेज
चंडीगढ़ में इस 4G और 5G-रेडी OTA प्लेटफॉर्म का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण घटना रही. तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में इस प्लेटफॉर्म के लिए एक डिजास्टर रिकवरी साइट भी स्थापित की गई है. इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से बीएसएनएल अपनी टेलीकॉम सेवाओं की क्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने में सक्षम होगा जिससे उपयोगकर्ताओं को देशभर में तेज नेटवर्क स्पीड (fast network speed) और बेहतर कवरेज (better coverage) प्राप्त होगी.
बीएसएनएल के भविष्य की योजनाएं
BSNL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रवि ए. रॉबर्ट जेराड ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म उन ग्राहकों के लिए बेहद उपयोगी होगा जिन्हें बिना किसी क्षेत्रीय बाधा के अपने सिम को बदलने की आवश्यकता है. यह नया सिस्टम नंबर पोर्टेबिलिटी (number portability) और सिम बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद करेगा.
BSNL की योजना मार्च 2025 तक पूरे भारत में 4G सेवाओं का विस्तार करने की है और उसके 6 से 8 महीने बाद 5G सेवाएं भी शुरू करने की है. यह भविष्य की दिशा में एक साहसिक कदम है जो ग्रामीण क्षेत्रों और दूर-दराज के इलाकों में डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद करेगा और “आत्मनिर्भर भारत” की पहल को मजबूती प्रदान करेगा.