Trai on Differential Tariffs Plan: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फर्जी कॉल्स और मैसेजेस की समस्या को दूर करने के लिए नए नियम बनाने की पहल की है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में ट्राई ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है जिसमें एक दिन में 50 से अधिक कॉल्स और एसएमएस भेजने वाले नंबरों की जांच का प्रस्ताव है. इससे उन नंबरों की पहचान की जा सकेगी जो टेलिमार्केटिंग या स्पैम गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं.
अलग-अलग टैरिफ प्लान का प्रस्ताव
ट्राई का मानना है कि अलग-अलग टैरिफ प्लान (different tariff plans) लागू करने से उन नंबरों की पहचान में मदद मिल सकती है. जिनका इस्तेमाल वाणिज्यिक कॉल्स और मैसेजेस के लिए किया जा रहा है. इससे सामान्य उपभोक्ताओं के नंबर और टेलिमार्केटिंग नंबरों में भेदभाव किया जा सकेगा. जिससे नियामक कार्रवाई अधिक प्रभावी हो सकेगी.
फर्जी सिम कार्ड्स की पहचान और उपाय
जनवरी से मार्च 2024 के दौरान ट्राई ने 14 लाख ऐसे सिम कार्ड्स की पहचान की है. जिनसे प्रतिदिन 50 से 1000 तक मैसेज और कॉल किए जा रहे हैं. इन्हें फर्जी माना जा रहा है क्योंकि इतनी अधिक संख्या में कॉल्स और मैसेजेस व्यक्तिगत उपयोग के लिए सामान्य नहीं होते. इसके अलावा लगभग 4 लाख सिम कार्ड्स ऐसे पाए गए हैं जिनसे रोजाना 50 से अधिक मैसेज भेजे जा रहे हैं. इस प्रकार के सिम कार्ड्स को ब्लॉक करना आवश्यक है ताकि स्पैम गतिविधियों को रोका जा सके.
ट्राई की रिपोर्ट और भविष्य की योजना
ट्राई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स द्वारा अनलिमिटेड कॉल्स और दैनिक 100 एसएमएस प्रदान किए जाते हैं. जिसका उपयोग स्कैमर्स द्वारा किया जा रहा है. ट्राई ने 78,703 ऐसे मोबाइल नंबर की पहचान की है जो रोजाना 100 से अधिक वॉयस कॉल करते हैं और इन्हें ब्लॉक करने की योजना बनाई जा रही है. इस प्रक्रिया से न केवल फर्जी कॉल्स और मैसेजेस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाओं का अनुभव मिलेगा.