Dairy Subsidy: किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने कृषि के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देना शुरू किया है. पशुपालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में कई नई योजनाएं लागू की गई हैं. जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.
पशुपालन को बढ़ावा देने के प्रयास (Promoting Animal Husbandry)
हरियाणा सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये आवंटित किए जा रहे हैं. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को बेहतर साधन और सुविधाएं प्रदान करना है. जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ सके और वे अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें.
हाइटैक और मिनी डेयरी योजना (Hi-tech and Mini Dairy Scheme)
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाइटैक और मिनी डेयरी योजना की घोषणा की. इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे किसानों और ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है. योजना के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने पर पशुपालकों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.
अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए विशेष योजना (Special Scheme for SC Livestock Farmers)
अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए सरकार 2 या 3 पशुओं की डेयरी स्थापित करने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है. इसके अलावा देसी नस्ल की 3 या 5 गायों की डेयरी इकाई खोलने पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत देसी गाय रखने वाले किसानों को प्रति गाय 30 हजार रुपये वार्षिक सहायता भी प्रदान की जा रही है.
पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Livestock Kisan Credit Card Scheme)
पशुपालकों के लिए पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्य में पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गई है. इस योजना के तहत पशुपालकों को 1.60 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के मिल सकता है. इसके अलावा अधिकतम तीन लाख रुपये तक का लोन 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध है.
पशुपालकों का मुफ्त बीमा (Free Insurance for Livestock Owners)
राज्य सरकार ने पशुपालन को जोखिम मुक्त करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना लागू की है. इस योजना के तहत बड़े पशुओं का बीमा 100 से 300 रुपये प्रीमियम पर किया जा सकता है. जबकि अनुसूचित जातियों के पशुपालकों के पशुओं का बीमा मुफ्त में किया जाता है.
दुग्ध उत्पादकों का दुर्घटना बीमा (Accident Insurance for Dairy Farmers)
दुग्ध उत्पादकों को भी राज्य सरकार द्वारा दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है. सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों को 5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति दुर्घटना बीमा लाभ दिया जा रहा है. जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी चलाई जा रही है. जिसके तहत कक्षा 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है.
गोवंश संवर्धन और अनुसंधान केंद्र (Cattle Breeding and Research Center)
देसी गायों की नस्ल सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने 37 करोड़ रुपये की लागत से 4 गोवंश संवर्धन और अनुसंधान केंद्र स्थापित किए हैं. ये केंद्र कैथल, झज्जर, करनाल और महेंद्रगढ़ जिलों में स्थापित किए गए हैं. जहां देसी गायों की नस्ल सुधार और संवर्धन का कार्य किया जाएगा.