mughal harem stories: मुगल साम्राज्य के दौरान हरम न केवल राजसी ऐश्वर्य का केंद्र था. बल्कि यह विशाल प्रशासनिक नेटवर्क का भी हिस्सा था. हरम में दासियों को विशेष रूप से निगरानी और गुप्तचरी के लिए रखा जाता था. जिन्हें अक्सर बेगम और रखैलों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाती थी.
दासियों की भूमिका और वेतन (Role and Salaries of the Maidens)
अकबर के हरम में दासियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी. उन्हें न केवल अच्छा वेतन मिलता था बल्कि उनके पास कुछ अधिकार भी होते थे. इन दासियों को अन्य जूनियर स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की शक्ति भी प्रदान की गई थी.
वित्तीय व्यवस्था और दासियों का वेतन (Financial System and Maidens’ Salaries)
टोडरमल द्वारा तैयार की गई वित्तीय व्यवस्था ने दासियों के वेतन को उनके अनुभव और जिम्मेदारियों के आधार पर निर्धारित किया था. सीनियर दासियों को महीने का 1028 से 1610 रुपये तक वेतन मिलता था. जबकि जूनियर दासियों को कम वेतन दिया जाता था.
हरम की अर्थव्यवस्था और दासियों की संपत्ति (Economy of the Harem and Wealth of Maidens)
दासियां जिन्हें अक्सर बादशाह की रखैलों से अधिक वेतन मिलता था. अपने वित्तीय और सामाजिक स्थिति में उनसे अधिक सक्षम थीं. इन दासियों को अपने कार्य के लिए न केवल वेतन बल्कि सोने के सिक्के भी मिलते थे. जिससे वे अपनी आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित कर सकती थीं.
हरम के अंदर अधिकार और अनुशासन (Authority and Discipline within the Harem)
हरम की दासियां न केवल बादशाह की आंख और कान का काम करती थीं. बल्कि उन्हें हरम के अंदर की गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण रखने का अधिकार भी था. ये दासियां किसी भी अनुचित गतिविधि की सूचना बादशाह तक पहुँचाने की जिम्मेदारी निभाती थीं.