Paddy Farming: धान जिसे भारतीय कृषि का मुख्य आधार माना जाता है. अब पानी की भारी खपत के कारण धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. खेती में पानी के अत्यधिक उपयोग और भू-जल स्तर में गिरावट के चलते सरकार ने धान की खेती को छोड़ अन्य फसलों की ओर रुख करने की सलाह दी है.
सरकार की प्रोत्साहन योजना
राज्य सरकार ने धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 4,000 रुपए की दर से आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की है. यह आर्थिक सहायता उन्हीं किसानों को मिलेगी जो धान की खेती के लिए डीएसआर मशीन का उपयोग कर रहे हैं. यह अनुदान धान की सीधी बुवाई को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जा रहा है.
डीएसआर मशीन से धान की बुवाई के लाभ
डीएसआर (Direct Seeded Rice) मशीन का उपयोग करने से किसान पारंपरिक विधि की तुलना में कम पानी में धान की खेती कर सकते हैं. इससे न केवल पानी की बचत होती है बल्कि मजदूरी का खर्च भी कम होता है. डीएसआर मशीन से धान की सीधी बुवाई करने पर खेत की मिट्टी की संरचना बेहतर रहती है और फसल की पैदावार भी बढ़ सकती है.
किसानों के लिए डीएसआर मशीन की सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने डीएसआर मशीन पर सब्सिडी की व्यवस्था की है जिससे किसानों को यह मशीन खरीदने में आर्थिक सहायता मिल सके. सब्सिडी के तहत किसानों को मशीन की कीमत पर 40% की छूट दी जाती है. जिससे धान की सीधी बुवाई की नई तकनीक को अपनाना आसान हो जाता है.
अनुदान के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
धान की खेती के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इस प्रक्रिया में किसानों को अपने आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और खेती की जानकारी उपलब्ध करानी होती है. यह पंजीकरण योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है.