घास की खेती से 10 महीने में की लाखों में कमाई, किसान ने सालों पुराने कर्ज को भी उतारा

By Uggersain Sharma

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Earned lakhs in 10 months from grass farming

झारखंड के जमशेदपुर जिले के प्रगतिशील किसान गोपन कुमकार ने अपने अनूठे प्रयोग से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार लिया है. बल्कि पूरे इलाके में एक मिसाल कायम कर दी है. गोपन ने थाईलैंड से सुपर नेपियर घास मंगाकर उसकी खेती की. जिससे उन्होंने न केवल अपना कर्ज चुकाया, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन गए हैं.

थाईलैंड से मंगवाई सुपर नेपियर घास

गोपन कुमकार ने थाईलैंड से सुपर नेपियर घास मंगवाई, जो कि भारतीय खेतों में अब तक बहुत कम देखी गई थी. इस घास की विशेषता यह है कि यह 15 फीट तक लंबी हो जाती है और इसे हर दो महीने में काटा जा सकता है. गोपन ने इस घास को अपने 15 एकड़ जमीन पर लगाया और कुछ ही महीनों में यह घास पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई.

10 महीने में चुकाया कर्ज

गोपन के लिए यह घास वरदान साबित हुई. वे एक समय 8 लाख रुपये के कर्ज में डूबे हुए थे. लेकिन मात्र 10 महीने के भीतर ही उन्होंने अपना पूरा कर्ज चुका दिया. गोपन ने बताया कि इस घास की खेती से मिट्टी की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता. बल्कि इसका PH स्तर भी संतुलित रहता है.

Earned lakhs in 10 months from grass farming

कम पानी में भी बढ़िया उत्पादन

सुपर नेपियर घास की एक और खासियत यह है कि इसे कम पानी में भी उगाया जा सकता है. यह घास तेजी से बढ़ती है और मात्र दो महीने में 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाती है. इसकी बढ़ती मांग के चलते, गोपन ने अब 90 एकड़ जमीन पर इस घास की खेती करने का निर्णय लिया है. जिसे जिला प्रशासन ने उन्हें लीज पर दिया है.

गोपन की सफलता की कहानी

गोपन कुमकार ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने 10 से 12 एकड़ में इस घास की खेती शुरू की. उनकी इस पहल को सरकार ने भी सराहा और उन्हें 95 एकड़ जमीन और दी गई. गोपन के अनुसार यह घास बहुत लाभदायक है और साल में पांच बार काटी जा सकती है. इसकी दो प्रमुख किस्में हैं: नुकीला और रुगदा.

दूध उत्पादन में वृद्धि

सुपर नेपियर घास की पौष्टिकता का असर जानवरों के दूध उत्पादन पर भी देखा गया है. गोपन ने बताया कि इस घास को खाने के बाद गायों और बकरियों के दूध उत्पादन में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है. पहले जो गाय 5 लीटर दूध देती थी, अब वह 8 से 10 लीटर दूध देने लगी है. यह घास न केवल पशुपालकों के लिए लाभदायक साबित हो रही है. बल्कि गोपन की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है.

जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित

गोपन कुमकार की इस अनूठी पहल को जिला प्रशासन ने भी सराहा है. प्रशासन ने उन्हें सम्मानित किया और उनकी मेहनत की प्रशंसा की. गोपन ने बताया कि इस थाईलैंड घास ने न केवल उनकी जिंदगी बदली है. बल्कि इससे उनके गांव और राज्य की भी प्रगति हुई है. वे कहते हैं कि इस तरह के कृषि प्रयोगों से देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.