भारत सरकार ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए राशन कार्ड की व्यवस्था की है ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें. राशन कार्ड के माध्यम से गरीब वर्ग को सब्सिडी युक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है. इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जारी किया जाता है.
अलग-अलग राज्यों में राशन कार्ड के नियम
प्रत्येक राज्य में राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है. कुछ राज्यों में इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बनवाया जा सकता है. जबकि कुछ राज्यों में केवल ऑफलाइन विधि उपलब्ध है. इसके लिए विशिष्ट पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं जिन्हें पूरा करना अनिवार्य होता है.
राशन कार्ड के लिए पात्रता मानदंड
राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं. यदि किसी के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक की संपत्ति हो या फिर 4 पहिया वाहन हो, तो वे राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होते. इसी प्रकार यदि किसी के घर में एयर कंडीशनर या रेफ्रिजरेटर है तो वे भी राशन कार्ड के लिए अपात्र माने जाते हैं. यदि परिवार में कोई सरकारी नौकरी में है या इनकम टैक्स दाता है, तो भी वे इसके लिए योग्य नहीं होते.
आय सीमा और राशन कार्ड
ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए. जबकि शहरी क्षेत्रों में यह सीमा तीन लाख रुपये है. इससे अधिक आय वाले परिवार राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होते.
गलत जानकारी पर कार्रवाई
यदि किसी ने गलत जानकारी देकर राशन कार्ड प्राप्त किया है, तो उन्हें इसे सरेंडर कर देना चाहिए. इसे सरेंडर करने की प्रक्रिया में व्यक्ति को खाद्य विभाग के कार्यालय में जाकर एक सहमति पत्र देना होता है. इससे वे सरकारी कार्रवाई से बच सकते हैं.