ऑर्गेनिक खेती से किसान की चमक उठी किस्मत, खेतों में गोमूत्र का करता है छिड़काव

By Uggersain Sharma

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रेली के क्यारा ब्लॉक के रफियाबाद गांव के किसान रविंद्र सिंह ने खेती के पारंपरिक तरीकों को छोड़ ऑर्गेनिक खेती की ओर रुख किया है। उन्होंने रामगंगा नदी के किनारे 15 एकड़ जमीन पर केले की खेती शुरू की। जिसमें किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया गया। रविंद्र का मानना है कि ऑर्गेनिक खेती से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है। बल्कि इससे उत्पादित खाद्य पदार्थ भी स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं।

ऑर्गेनिक खेती के फायदे

रविंद्र सिंह की यह पहल न केवल उनके लिए बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी प्रेरणादायक है। वे गोमूत्र का उपयोग कर बनाए गए कीटनाशकों का उपयोग करके अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं, जो कि एक प्राकृतिक विकल्प है। इससे खेती में लागत में कमी आती है और फसल भी स्वस्थ रहती है।

रामगंगा नदी और ऑर्गेनिक खेती

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और स्थानीय प्रशासन ने रामगंगा नदी को निर्मल बनाने की पहल की है। जिसमें नदी के किनारे बसे गांवों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना शामिल है। इससे नदी के पानी में रसायनों की मात्रा कम होगी और जलीय जीवन को बचाने में मदद मिलेगी। इस पहल से रविंद्र सिंह बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने इस दिशा में काम करने का निर्णय लिया।

गोवंश के संरक्षण में योगदान

रविंद्र सिंह ने न केवल खेती में नई तकनीकी लेकर आए है बल्कि वे गोवंश के संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने रफियाबाद गांव में प्रत्येक परिवार को निराश्रित गोवंश की देखरेख की जिम्मेदारी दी। जिससे गांव में इन जीवों का बेहतर ध्यान रखा जा सके। इस पहल से प्रेरित होकर अन्य गांवों के लोग भी इसमें भाग ले रहे हैं और गोवंश की देखभाल कर रहे हैं।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.