हरियाणा में 31 जुलाई से मानसूनी हवाओं ने जोर पकड़ लिया है। जिससे प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। इस बारिश ने न केवल मौसम को सुहाना बना दिया है बल्कि तापमान में भी स्पष्ट गिरावट आई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जून से अगस्त के दौरान हरियाणा में 162.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य से 25% कम है।
मानसून ट्रफ की स्थिति
मानसून ट्रफ जो मानसून की दिशा और सक्रियता को निर्धारित करती है। फिलहाल उत्तर भारत की ओर बनी हुई है। इसके प्रभाव से 3 अगस्त तक हरियाणा में मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। जिससे अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
आने वाले दिनों में मौसम का हाल
4 से 6 अगस्त के बीच मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है। जिसके कारण हरियाणा में केवल छिटपुट बूंदाबांदी या हल्की बारिश होगी। हालांकि 6 अगस्त से 9 अगस्त के दौरान पंजाब के ऊपर बन रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से मानसूनी हवाओं की गतिविधि फिर से बढ़ेगी। जिससे हरियाणा में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
मानसून के प्रभाव से राहत और चुनौतियां
मानसून की बारिश से किसानों और जल संरक्षण के प्रयासों को भारी राहत मिली है। हालांकि भारी बारिश से उत्पन्न होने वाले जलजमाव और बाढ़ की स्थितियां भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। प्रशासन और सरकारी एजेंसियां इसके लिए उचित तैयारियां कर रही हैं ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
आगे मौसम की संभावनाएं
मानसून की अगली गतिविधियों के लिए सभी की नज़रें मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणियों पर टिकी हुई हैं। किसानों से लेकर आम नागरिकों तक सभी मानसून के इस सीजन का पूरा लाभ उठाने की उम्मीद में हैं। मानसून की सक्रियता न केवल कृषि बल्कि जल स्तर के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है और इसकी सफलता से ही राज्य की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है।