भारत में इस जगह आलू प्याज के भाव में बिकते है काजू, 100 रूपए में भर जाएगा थैला

By Uggersain Sharma

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काजू और बादाम जैसे सूखे मेवे सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान की वजह से आजकल कई लोग आंखों की रोशनी और याददाश्त की समस्याओं से जूझ रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स अक्सर काजू और बादाम खाने की सलाह देते हैं। क्योंकि इनमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स ब्रेन और आंखों की नसों को मजबूत बनाते हैं।

महंगे काजू खरीदना एक चुनौती

भारत में काजू की कीमत सामान्यतः 800 से 1000 रुपये प्रति किलो होती है, जो आम लोगों के बजट से बाहर होती है। इससे बहुत से लोग चाहकर भी काजू नहीं खरीद पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी जगह है। जहां काजू की कीमत इतनी कम है कि आप आसानी से खरीद सकते हैं?

टमाटर से भी सस्ता काजू

भारत में एक ऐसा स्थान है जहां आप काजू को टमाटर से भी कम कीमत पर खरीद सकते हैं। टमाटर की कीमत वर्तमान में 80 से 100 रुपये प्रति किलो है। लेकिन यहां काजू की कीमत मात्र 50 रुपये प्रति किलो है। यह जानकारी वाकई हैरान करने वाली है और इसे जानकर आप खुशी से फूले नहीं समाएंगे।

झारखंड सस्ते काजू का गढ़

झारखंड राज्य में विशेष रूप से जामताड़ा जिले को काजू की नगरी के रूप में जाना जाता है। इस जिले में बड़े पैमाने पर काजू के पेड़ लगाए गए हैं। जिससे हर साल हजारों टन काजू की फसल होती है। हालांकि इस क्षेत्र में काजू की मांग के मुकाबले सप्लाई बहुत अधिक है। जिससे इसकी कीमतें बेहद कम हो जाती हैं।

काजू के सस्ते दामों की वजह

जामताड़ा जिले के नाला गांव में करीब 50 एकड़ में काजू की खेती होती है। इस गांव में काजू की प्रोसेसिंग के लिए कोई भी प्लांट नहीं है। जिससे काजू को सूखने और सुरक्षित रखने की सुविधा नहीं मिलती। इस स्थिति में कच्चे काजू को जल्दी से जल्दी बेचना पड़ता है। जिससे उनकी कीमत बहुत कम हो जाती है। इसी वजह से यहां काजू के दाम बेहद सस्ते होते हैं।

जामताड़ा में काजू की बिक्री

जामताड़ा में काजू की बिक्री सड़क किनारे सब्जियों की तरह होती है। लोग विभिन्न स्थानों पर बैठकर काजू बेचते हैं और इसकी कीमत लगभग 45-50 रुपये प्रति किलो होती है। वहीं प्रोसेस्ड काजू की कीमत 150-200 रुपये प्रति किलो के आसपास होती है। इस प्रकार काजू की कीमत और बिक्री का तरीका इस क्षेत्र में काफी अनोखा और किफायती है।

संथाल परगना और दुमका

जामताड़ा के अलावा संथाल परगना और दुमका में भी काजू की खेती बड़े पैमाने पर होती है। यहां भी किसान अपनी फसल कम दाम पर बेचने को मजबूर रहते हैं। इस स्थिति का फायदा बिचौलिये और आढ़ती उठाते हैं। जबकि किसान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती। इस मजबूरी का निवारण करने के लिए जरूरी है कि किसानों को उचित दाम मिले और उनकी फसल की प्रोसेसिंग की सुविधा उपलब्ध हो।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.