केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कक्षा 6 से 8 के छात्रों के लिए बैगलेस डे को लागू करने के लिए गाइडलाइन जारी की हैं। यह पहल शिक्षा को अधिक आनंदमय और प्रयोगात्मक बनाने के उद्देश्य से की गई है। इन गाइडलाइन्स को NCERT की इकाई PSS सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन द्वारा विकसित किया गया है और यह नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत जारी किया गया है।
शिक्षण प्रक्रिया में व्यावहारिकता की ओर एक कदम
इन गाइडलाइन का मुख्य उद्देश्य शिक्षण प्रक्रिया को व्यावहारिक बनाना और छात्रों को विभिन्न कौशलों से अवगत कराना है। इसमें बढ़ईगीरी, इलेक्ट्रिकल काम, मिट्टी के बर्तन बनाना आदि के व्यावहारिक सत्र शामिल होंगे। यह गाइडलाइन्स छात्रों को उनकी रुचि और कौशल के अनुसार अपने करियर का चुनाव करने में सहायता करेगी।
इंटर्नशिप के अवसर
बैगलेस डे के दौरान छात्रों को अपने नजदीकी समुदाय और व्यावसायिक विशेषज्ञों के साथ काम करने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें असली दुनिया के काम काज की गहरी समझ और अनुभव प्राप्त होगा। इस तरह की इंटर्नशिप से छात्रों की प्राकृतिक रुचियां और व्यावसायिक कौशल विकसित होंगे।
वार्षिक कैलेंडर में समायोजन
गाइडलाइन सुझाव देती है कि स्कूल वार्षिक कैलेंडर में दो या तीन स्लॉट में 10 बैगलेस दिन समायोजित कर सकते हैं। इस दौरान शिक्षकों को विभिन्न विषयों के साथ इनडोर और आउटडोर गतिविधियों को मिलाने का विकल्प दिया गया है।
प्रायोगिक गतिविधियों का महत्व
गाइडलाइन में छात्रों के लिए विभिन्न प्रायोगिक गतिविधियों का प्रस्ताव है जैसे कि स्थानीय मंडियों का दौरा, पशु देखभाल, चित्रकारी, पतंगबाजी और अन्य क्रियात्मक कार्य। इन गतिविधियों से छात्रों को न केवल ज्ञान की प्राप्ति होगी। बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी होगा।
मंत्रालय का यह कदम छात्रों को उनकी पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान और कौशल भी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह नई शिक्षा नीति की भावना को साकार करते हुए छात्रों के शैक्षिक अनुभव को और अधिक समृद्ध बनाने का प्रयास है।