लक्ष्मी विलास पैलेस जिसे विश्व के सबसे बड़े निजी आवासों में से एक माना जाता है। अपनी भव्यता और विशालता के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस से भी बड़े आकार के इस पैलेस का निर्माण बड़ौदा के गायकवाड़ परिवार ने करवाया था, जो कभी बड़ौदा के शासक हुआ करते थे। आज भी इस परिवार को बड़ौदा के लोग बहुत सम्मान के साथ याद करते हैं।
ऐतिहासिक धरोहर और इसकी महत्वपूर्णता
लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने सन् 1890 में करवाया था। इस विशाल पैलेस में 170 से ज्यादा कमरे हैं और इसकी निर्माण लागत उस समय में लगभग डेढ़ लाख पाउंड (GBP 180,000) थी, जो उस युग में एक विशाल राशि थी। इसकी तुलना में आज के समय का मुकेश अंबानी का एंटीलिया घर मात्र 48,780 वर्ग फीट में फैला हुआ है।
परिवार की नई पीढ़ी और उनका योगदान
परिवार के मुखिया एचआरएच समरजीत सिंह गायकवाड़ और उनकी पत्नी राधिका राजे गायकवाड़ ने इस पैलेस को न केवल बनाए रखा है बल्कि इसे आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया है। राधिका राजे जो दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ीं हैं। राधिका राजे ने पत्रकारिता में भी हाथ आजमाया है और वे अपने समुदाय और समाज के लिए कई तरह की सामाजिक पहलों में सक्रिय हैं।
सांस्कृतिक विरासत और समकालीन प्रभाव
लक्ष्मी विलास पैलेस न केवल एक आवास स्थल है बल्कि यह बड़ौदा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का भी प्रतीक है। पैलेस के प्रत्येक कमरे में इतिहास की झलक मिलती है और यह आज भी देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस पैलेस का उपयोग कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों, समारोहों और सामाजिक गतिविधियों के लिए भी किया जाता है, जो इसे जीवंत बनाए रखते हैं।