हिसार जिले के इस गांव में पांडवो ने की थी शिवलिंग की स्थापना, इस जगह सबसे ज्यादा डाक कांवड चढ़ाते है कावंडिए

By Uggersain Sharma

Published on:

आदमपुर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीसवाल और मोहब्बतपुर के बीच एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो अपनी ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का इतिहास पुरातत्व विभाग के अनुसार लगभग 750 वर्षों से भी अधिक पुराना है। शिवरात्रि के पावन अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं।

पांडवों द्वारा स्थापित शिवलिंग

इस शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग की उत्पत्ति की कहानी भी बेहद रोचक है। मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय इस शिवलिंग की स्थापना की थी। वे दृश्यवती नदी के किनारे ठहरे थे और उसी समय इस गांव का नाम सीसवाल पड़ा। जो सरस्वती नदी की सहायक नदी दृश्यवंती के किनारे बसा था।

शिवरात्रि पर उमड़ती है भीड़

शिवरात्रि के दिन, इस मंदिर में शिवभक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है। डॉ. सुरेंद्र सीसवाल के अनुसार मंदिर में डाक कांवड़ के लिए सबसे अधिक भीड़ देखी जाती है। आसपास के 100 से अधिक कांवड़ संघ यहां अपनी डाक कांवड़ के लिए पंजीकरण करवाते हैं और रोजाना करीब 10 हजार शिवभक्त यहां जल चढ़ाने आते हैं।

मंदिर निर्माण के अंतिम चरण

इस प्राचीन मंदिर का निर्माण कार्य वर्तमान में अंतिम चरणों में है। मंदिर को और भव्य बनाने के लिए राजस्थान के भरतपुर जिले से बंशी पहाड़पुर का पत्थर लाया गया है। ये पत्थर अपनी मजबूती और सुंदरता के लिए जाने जाते हैं, जो मंदिर के वास्तुशिल्प को एक अनूठी पहचान देते हैं।

शिवलिंग के रहस्यमयी शिलालेख

मंदिर के प्रधान घीसाराम जैन ने बताया कि शिवलिंग पर लिखी गई शब्दावली एक विशेष भाषा में है। जिसे आसानी से पढ़ पाना संभव नहीं है। यह भाषा बहुत ही बारीक है और इसे देखने के लिए विशेष प्रकार की लेंस की आवश्यकता होती है। ये शिलालेख इस मंदिर को और भी रहस्यमयी बनाते हैं।

खोदाई में मिली असाधारण ईंटें

मंदिर निर्माण के दौरान की गई खोदाई से कुछ असाधारण ईंटें मिली हैं। ये ईंटें अपने आप में एक विशेषता रखती हैं। जिनकी लंबाई 1.25 फुट और चौड़ाई 0.75 फुट है। इन ईंटों की खासियत यह है कि ये बहुत ही मजबूत होती हैं और इनका उपयोग प्राचीन काल में बड़े निर्माण कार्यों में किया जाता था।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.