उत्तर प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे को राज्य का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पर्यावरण संरक्षण हेतु 25 हजार से अधिक पौधे लगाने की योजना है। इसके साथ ही 1700 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश का सबसे बड़ा सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। जिससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन संभव होगा।
विकास की दिशा में पहल
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ के अनुसार यह परियोजना न केवल ऊर्जा की आपूर्ति में सहायक होगी। बल्कि यह एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले लोगों को भी एक सुखद और हरित यात्रा प्रदान करेगी। इसके अलावा यह परियोजना राज्य में नवीन और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
आगामी सेमिनार और बैठकें
मंत्री नंदी ने हाल ही में एक बैठक में योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और निर्णय लिया कि 9 अगस्त को लखनऊ में एक वृहद सेमिनार आयोजित किया जाएगा जिसमें सोलर एक्सप्रेसवे निर्माण के विशेषज्ञ, सहभागी और सौर ऊर्जा विशेषज्ञ भाग लेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा और निरीक्षण की जाएगी।
सोलर पार्क का विकास
इटावा से चित्रकूट तक फैले 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर सोलर पार्क की चौड़ाई 15-20 मीटर होगी। इसके विकास हेतु 25 वर्ष के लिए भूमि का पट्टा कंपनियों को दिया जाएगा। जिससे ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास में भी योगदान हो सके।
आने वाले समय में अपेक्षित प्रभाव
इस परियोजना के सफल निष्पादन से न केवल ऊर्जा की स्थिरता में वृद्धि होगी। बल्कि यह पर्यावरण के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सोलर एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश को एक नई ऊर्जावान दिशा में ले जाने के लिए एक प्रेरणास्रोत साबित होगा और यहां की जनता के जीवन में नई ऊर्जा और हरियाली भर देगा।