हरियाणा प्रदेश में नायब सैनी सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने इन कर्मचारियों को स्थायी करने की योजना बनाई है। जिससे उनके रोजगार की स्थिरता और सुरक्षा में वृद्धि होगी। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की बात है जो विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और सरकारी संगठनों में वर्षों से कांट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं।
रेगुलराइजेशन प्रक्रिया का ढांचा
सरकार द्वारा जारी की गई रेगुलराइजेशन पॉलिसी के दो-तीन मसौदे मौजूद हैं, जिन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मसौदा न केवल कारगर हो। बल्कि विधिक मानदंडों पर खरा उतरे ताकि यह अदालत में भी टिक सके। विचाराधीन प्रस्ताव के अनुसार जो अस्थायी कर्मचारी पहले से ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट हो चुके हैं, उन्हें स्थायी कर दिया जाएगा।
सेवा अवधि और स्थायीकरण
सरकार ने इस बात का निर्णय लेना है कि किन अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाना है आधारित होगा उनकी सेवा की अवधि पर। विचाराधीन मसौदों में 10 साल, सात साल और पांच साल की सेवा अवधि वाले कर्मचारियों को शामिल करने का प्रस्ताव है। इस संबंध में अंतिम फैसला अभी बाकी है।
जिन कर्मचारियों का अभी पोर्ट नहीं हुआ
अभी कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं हुए हैं और अभी भी विभागों, बोर्डों, निगमों में कार्यरत हैं। पॉलिसी फाइनल होने की स्थिति में इन कर्मचारियों के भविष्य के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा।
लाभ और पेंशन संबंधी प्रावधान
यह प्रस्तावित है कि रेगुलर होने वाले कर्मचारियों को नई-पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन वे 58 साल की उम्र तक सेवा में बने रहेंगे। इसके अलावा एक अन्य प्रस्ताव भी विचाराधीन है। लेकिन वर्तमान में उस पर जोर नहीं है।