बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाओं का न आना और मानसून टर्फ यानी कम दबाव के क्षेत्र की रेखा का बार-बार जगह बदलना इस वर्ष मानसून को पूरी तरह से सक्रिय नहीं होने दे रहा है। इसके चलते हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में बारिश में कमी आई है। जिससे कृषि और जल संचयन कार्यों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
मौसम विशेषज्ञ का विश्लेषण
मौसम विज्ञानी डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार जिस प्रकार से मानसून टर्फ की जगह में बदलाव हो रहा है। वह असामान्य है और इससे बारिश के पैटर्न पर असर पड़ रहा है। हालांकि 26 जुलाई को इसके हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली में स्थिर होने की संभावना है।
आगामी दिनों में मानसून की स्थिति
27 जुलाई को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की उम्मीद है। जिससे इन क्षेत्रों में बारिश में वृद्धि हो सकती है। यह परिस्थिति बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र को भी प्रभावित करेगी। जिससे वहां से नमी वाली हवाएं इस क्षेत्र की ओर मुड़ सकती हैं।
हालिया मौसम की स्थिति
वर्तमान में मानसून टर्फ अपनी सामान्य स्थिति में नहीं है और इसमें लगातार बदलाव आ रहे हैं। इस बदलाव के कारण बारिश की गतिविधियाँ अनियमित हो गई हैं। हरियाणा और एनसीआर में तापमान में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल रहा है।
भविष्य की मौसमी गतिविधियां
26 जुलाई को एक बार फिर से मानसून टर्फ हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली के क्षेत्रों में स्थित हो सकती है। जिससे 27 से 31 जुलाई के दौरान बारिश की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। इस दौरान दक्षिणी जिलों और उत्तरी तथा पूर्वी जिलों में विशेष रूप से अधिक बारिश होने की संभावना है।
महेंद्रगढ़ क्षेत्र में मौसम की स्थिति
महेंद्रगढ़ जिले में भी मौसम में बदलाव की गतिविधियां जारी हैं। यहां हाल ही में हुई बारिश ने तापमान में कुछ गिरावट लाई है। जिससे उमस भरी गर्मी से कुछ राहत मिली है। बादलों की आवाजाही और समय-समय पर होने वाली बारिश ने इस क्षेत्र के मौसम को काफी हद तक प्रभावित किया है।