Free Internet Scheme: हाल ही में भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे कि जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में वृद्धि की है। इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित वह गरीब तबका हुआ है जिनके लिए डिजिटल संसाधनों तक पहुंच आवश्यक है। विशेषकर ऐसे समय में जब सरकारी योजनाएं और बैंकिंग सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। महंगे रिचार्ज प्लान्स इन वर्गों के लिए बोझ बनते जा रहे हैं।
फ्री इंटरनेट बिल की पहल
सरकार ने इस मुद्दे की संजीदगी को समझते हुए ‘फ्री इंटरनेट बिल’ पर विचार शुरू किया है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य देश के पिछड़े और गरीब तबकों को मुफ्त इंटरनेट सेवा प्रदान करना है। ताकि वे डिजिटल इंडिया की मुख्यधारा से जुड़ सकें और अपने जीवन स्तर में सुधार ला सकें।
फ्री इंटरनेट बिल का प्रावधान और इतिहास
दिसंबर 2023 में राज्यसभा में पेश किया गया। यह बिल इंटरनेट को बुनियादी सुविधा के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बिल को सदन में रखते हुए बताया कि यह न केवल तकनीकी उन्नति का द्वार खोलेगा बल्कि शिक्षा, रोजगार और सूचना के अधिकार को भी मजबूती प्रदान करेगा।
राइट टू फ्री इंटरनेट
इस बिल के अनुसार हर भारतीय नागरिक को इंटरनेट की मुफ्त पहुंच होनी चाहिए। यह बिल न केवल आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में एक कदम है। बल्कि यह सामाजिक समरसता और डिजिटल समावेशिता को भी बढ़ावा देता है। इस बिल की मान्यता के साथ भारत अन्य देशों के समानांतर खड़ा हो सकता है जहां फ्री इंटरनेट की सुविधा पहले से मौजूद है।
किसे मिलेगी मुफ्त इंटरनेट की सुविधा
फ्री इंटरनेट का लाभ मुख्य रूप से उन वर्गों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या जो दूरदराज के क्षेत्रों में निवास करते हैं। इस बिल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी नागरिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक अवसरों से वंचित न रहे केवल इसलिए कि उसके पास इंटरनेट का एक्सेस नहीं है।