परिवहन विभाग द्वारा हाल ही में एक बड़ा बदलाव किया गया है। जिसके अनुसार भारतीय वाहन मालिकों को अब अपने वाहनों के लिए दो वर्ष के बजाय 14 वर्ष का टैक्स एकमुश्त जमा करना होगा यदि वे BH Number Registration का विकल्प चुनते हैं। यह बदलाव वाहन मालिकों पर एक भारी आर्थिक बोझ बढ़ा देता है। जिसे विभिन्न क्षेत्रों से विरोध की प्रतिक्रिया मिल रही है।
पूर्व में बीएच नंबर ले चुके वाहनों पर टैक्स का भार
परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार, जिन वाहन मालिकों ने पूर्व में बीएच नंबर लिया था। उन्हें अब 12 वर्ष के टैक्स की राशि जमा करनी होगी। इस अचानक बदलाव से वाहन मालिकों की आर्थिक योजनाओं पर बड़ा असर पड़ा है और कई लोग इस नियम के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।
वाहन मालिकों को नोटिस का प्रावधान
जिला परिवहन कार्यालय ने 731 वाहन मालिकों को टैक्स जमा करने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी की है। जिन्हें 60 दिन का समय दिया जाएगा। यह कदम वाहन मालिकों को नई टैक्स देयताओं के अनुसार अपने दस्तावेजों और वित्तीय योजना को अद्यतन करने का अवसर देता है।
क्या है बीएच सीरीज नंबर प्लेट?
बीएच सीरीज नंबर प्लेट उन वाहन मालिकों के लिए डिज़ाइन की गई है जिनका तबादला विभिन्न राज्यों में होता रहता है। इससे उन्हें बार-बार वाहन पंजीकरण नहीं करवाना पड़ता और एक सार्वभौमिक नंबर प्लेट के जरिए वे देश भर में अपने वाहन को चला सकते हैं।
बढ़ी हुई टैक्स दरें और उनके प्रभाव
नई नीति जिसमें 14 वर्षों का टैक्स एकमुश्त जमा करना पड़ता है। नई नीति ने वाहन मालिकों के सामने एक बड़ी वित्तीय चुनौती पेश की है। यह नियम न केवल वाहन मालिकों पर वित्तीय बोझ बढ़ाता है। बल्कि नई वाहन खरीदी पर भी असर डाल सकता है। क्योंकि खरीदार इतनी बड़ी राशि एक साथ जमा करने में हिचकिचा सकते हैं।
नीतिगत परिवर्तन और सुधार के उपाय
सरकार को इस नीति की समीक्षा करने और वाहन मालिकों की वित्तीय क्षमता के अनुरूप इसे और अधिक लचीला बनाने की जरूरत है। संभवतः इसमें वाहन मालिकों के लिए किस्तों में टैक्स भुगतान की व्यवस्था या टैक्स की दरों में संशोधन जैसे उपाय शामिल किए जा सकते हैं। ताकि इसे अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जा सके।