रोशनी तायडे जिनकी कहानी हम आज बता रहे हैं। उन्होंने पहले प्रयास में असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। महाराष्ट्र के जलगांव जिले की यह युवा लड़की दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर दूसरे प्रयास में पुलिस भर्ती में सफल होकर सभी के लिए प्रेरणा बनी। उनकी इस उपलब्धि से पूरा गांव जश्न मना रहा है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रेरणा
रोशनी के पिता आकाश तायडे चाय की टपरी चलाते हैं और माँ संगीता तायडे खेतों में मजदूरी करती हैं। उनका परिवार जलगांव के फैजपुर के पास मधुकर सहकारी चीनी फैक्ट्री कॉलोनी में रहता है। यहाँ आर्थिक चुनौतियाँ अधिक हैं। लेकिन रोशनी ने इन्हें अपनी मजबूती का स्रोत बनाया।
पहली बार में असफलता
रोशनी ने 2022 में मुंबई पुलिस भर्ती में हिस्सा लिया था जहाँ वह 14 अंकों से फेल हो गईं थीं। इस असफलता ने उन्हें निराश किया लेकिन हार नहीं मानने का संकल्प दिला दिया।
माता-पिता का अटूट समर्थन
असफलता के बावजूद उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। इस समर्थन ने रोशनी को नए सिरे से तैयारी करने की प्रेरणा दी। सितंबर 2023 में उन्होंने दोबारा तैयारी शुरू की और अपनी कमजोरियों पर काम किया।
दूसरे प्रयास में चमकी रोशनी
2024 में रोशनी ने जलगांव पुलिस भर्ती में भाग लिया और सफलता हासिल की। इस बार उन्होंने न केवल पास किया बल्कि लड़कियों में चौथी रैंक हासिल कर पुलिस फोर्स में शामिल हो गईं। यह सफलता उनके लिए केवल एक मील का पत्थर नहीं बल्कि उनके संघर्ष का फल थी।
क्या कहना हाई रोशनी का
रोशनी ने बताया “जब मैं पहली बार फेल हुई, तो पूरी तरह टूट गई थी। पिता ने कहा कि मेरी बेटी केवल 2 अंकों से फेल हुई है, तुम्हें फिर से कोशिश करनी होगी।” उनकी यह बातें रोशनी के लिए नई ऊर्जा का स्रोत बनीं।
परिवार और समुदाय का उत्सव
जब रोशनी ने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की, तो उनके परिवार और गांव वालों ने जश्न मनाया। उनकी सफलता ने न केवल उनका बल्कि पूरे समुदाय का मान बढ़ाया। रोशनी अब पीएसआई बनने का सपना देख रही हैं। उनकी यह उपलब्धि नए प्रतियोगियों के लिए प्रेरणा है कि कठिनाइयाँ और असफलताएं हमें रोक नहीं सकतीं, अगर हमारा संकल्प दृढ़ हो।