गर्मियां आते ही बिजली की मांग में अचानक वृद्धि हो जाती है, जिससे अक्सर बिजली कटौती की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में घरों में रोजमर्रा के कामों के लिए बिजली की अनुपस्थिति एक बड़ी समस्या बन जाती है। विशेषकर जब तापमान अपने चरम पर हो। इस स्थिति में इन्वर्टर एक अनिवार्य उपकरण बन जाता है जो कि बिजली न होने पर भी घरों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
इन्वर्टर की देखभाल के महत्वपूर्ण पहलू
इन्वर्टर की सही देखभाल और रखरखाव इसकी दीर्घायु और प्रभावी कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है। इन्वर्टर बैटरी की देखभाल में सबसे महत्वपूर्ण चीज है इसके पानी की सही मात्रा को बनाए रखना। बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि साधारण RO या टैप वाटर का।
कब और कैसे करें बैटरी में पानी की पूर्ति
आम तौर पर इन्वर्टर बैटरी का पानी हर 45 दिन में चेक करना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो इसे फिर से भरना चाहिए। यह जरूरी है कि बैटरी का पानी कभी भी मिनिमम लेवल से नीचे न हो। यदि पानी का स्तर कम हो, तो इसे तुरंत भर देना चाहिए। इस कार्य को करते समय सुरक्षा के सभी उपाय करें जैसे कि इन्वर्टर को बिजली से अलग कर देना और दस्ताने पहनना।
बैटरी की देखभाल क्यों है जरूरी
इन्वर्टर बैटरी की उचित देखभाल न केवल इसकी उम्र बढ़ाती है बल्कि यह बिजली की खपत को भी नियंत्रित करती है। यदि बैटरी का समुचित रखरखाव किया जाए तो यह अधिक समय तक अच्छी कार्यक्षमता प्रदान कर सकती है और बिजली की अनुपस्थिति में भी आपके घर को सुचारु रूप से चलने में मदद कर सकती है।