हरियाणा सरकार ने शहरी विकास की दिशा में एक नया कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायय सैनी की अध्यक्षता में शहरी निकाय विभाग ने सभी निकायों की पुरानी सीमा के अंदर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। यह निर्णय उन किसानों के लिए एक राहत भरा समाचार है। जिन्होंने 01 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2023 तक ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। इस पहल से शहरी इलाकों में आवासीय सुविधाओं की पहुँच और सुधार की उम्मीद है।
ट्यूबवेल कनेक्शन और नई नीतियाँ
इस नई नीति के तहत 10 बीएचपी तक के ट्यूबवेल कनेक्शन हरेडा द्वारा सोलर मोड में और 10 बीएचपी से अधिक और 35 बीएचपी तक के ट्यूबवेल कनेक्शन बिजली विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। इस कदम से ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही साथ जल संरक्षण के लिए भी यह प्रभावी साबित होगा। निकायों की पुरानी सीमा में जल स्तर की स्थिति के अनुसार नए नियम लागू किए गए हैं। जहां जल स्तर 100 फुट से नीचे है, वहां माइक्रोइरिगेशन सिस्टम की अनिवार्यता रखी गई है।
अवैध कॉलोनियों की वैधता
शहरी निकाय विभाग ने निकायों की पुरानी सीमा के अंदर स्थित सभी अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया है। जिससे उन कॉलोनियों में रहने वाले निवासियों को बड़ी राहत मिली है। अब वे आसानी से अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवा सकेंगे और तहसील में अपनी रजिस्ट्री कराने के लिए एन. डी. सी. का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। इस निर्णय से शहरी विकास की दिशा में नई गति मिलेगी और समाज के हर वर्ग को समान रूप से लाभ पहुँचाया जा सकेगा।
सरकारी प्रयासों का महत्व
हरियाणा सरकार के इस फैसले से न केवल शहरी निवासियों को लाभ होगा। बल्कि यह पहल राज्य में सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगी। यह फैसला शहरी क्षेत्रों में अधिक समानता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह शहरी आबादी को उनकी बुनियादी सुविधाओं और संपत्ति अधिकारों को सुरक्षित करने में मदद करेगा। जिससे वे अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकेंगे।