गर्मी के बाद बरसात का मौसम अक्सर राहत लाता है। लेकिन जब बरसात नहीं होती, तो उमस बढ़ जाती है। ऐसे में जींद सर्कल में बिजली की खपत में असाधारण वृद्धि हुई है। इस साल 16 जुलाई को बिजली की खपत ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1 करोड़ 24 लाख 58 हजार यूनिट तक पहुंच गई, जो कि पिछले साल से बहुत अधिक है।
जुलाई के महीने में बिजली की आपूर्ति और मांग
जुलाई महीने के दौरान जींद में बिजली की खपत लगभग हर दिन 1 करोड़ यूनिट के पार रही। इसका मुख्य कारण लगातार पड़ रही उमस भरी गर्मी और बारिश का न होना है। उमस की वजह से लोगों ने एयर कंडीशनर, कूलर और अन्य ठंडक प्रदान करने वाले उपकरणों का अधिक इस्तेमाल किया। जिससे बिजली की मांग में वृद्धि हुई।
पिछले साल की तुलना में इस साल की खपत
पिछले साल जुलाई महीने में केवल 8 दिन बिजली की खपत 1 करोड़ के पार थी। लेकिन इस साल यह संख्या बढ़कर 15 दिन हो गई है। इससे बिजली वितरण निगम पर भी दबाव बढ़ा है। क्योंकि उन्हें अधिक मांग को पूरा करने के लिए लगातार तैयार रहना पड़ता है।
धान उत्पादक किसानों की चुनौतियां
बिजली की इस बढ़ती खपत का एक अन्य कारण धान उत्पादक किसानों की बढ़ती जरूरतें भी हैं। बारिश न होने की स्थिति में किसानों को अपने खेतों के लिए ट्यूबवेल्स से अधिक पानी खींचना पड़ रहा है। जिससे बिजली की खपत बढ़ गई है।
बिजली निगम के प्रयास और उपभोक्ताओं से अपील
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता जितेंद्र ढुल के अनुसार निगम उपभोक्ताओं को बिना कटौती के पर्याप्त बिजली प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने उपभोक्ताओं से बिजली का उपयोग सोच-समझकर करने की अपील की है। इससे न केवल बिजली की खपत में कमी आएगी। बल्कि बिजली वितरण प्रणाली पर दबाव भी कम होगा।