भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा जिसे UPSC (Union Public Service Commission) कहा जाता है। दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा की तैयारी में विद्यार्थियों को व्यापक ज्ञान और गहन अध्ययन की आवश्यकता होती है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं। लेकिन केवल कुछ ही इसे पास कर पाते हैं।
मुद्रा गैरोला के सफलता की कहानी
मुद्रा गैरोला जो कर्णप्रयाग उत्तराखंड की रहने वाली हैं। मुद्रा गैरोला ने इस वर्ष UPSC परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल की है। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है बल्कि पूरे समुदाय में उनकी चर्चा हो रही है। मुद्रा ने इससे पहले भी UPSC 2021 की परीक्षा में 165वीं रैंक हासिल कर आईपीएस कैडर प्राप्त किया था।
मुद्रा की अध्ययन यात्रा
मुद्रा ने एमडीएस की पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि वे UPSC की तैयारी में पूरी तरह से जुट सकें। उनकी इस कठिन यात्रा में उन्होंने कई बार परीक्षा दी और हर बार कुछ न कुछ नया सीखा। उन्होंने 2018 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी थी और इंटरव्यू तक पहुंची थीं। लेकिन फाइनल चयन नहीं हो पाया। इसके बाद 2019 और 2020 में भी उन्होंने परीक्षा दी लेकिन सफल नहीं हो पाईं।
पिता का सपना और मुद्रा की मेहनत
मुद्रा के पिता अरुण गैरोला जिन्होंने 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी लेकिन वे सफल नहीं हो सके। उनका सपना था कि उनकी बेटी IAS बने। मुद्रा ने अपने पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया। 2021 की परीक्षा में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक प्राप्त की जिससे वह IPS बन गईं। 2022 की परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल कर उन्होंने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया बल्कि अपनी क्षमता का भी प्रदर्शन किया।
मुद्रा का आगामी सफर
आज मुद्रा हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी में अपनी IPS ट्रेनिंग पूरी कर रही हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि समूचे भारतीय समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मुद्रा की यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है जो UPSC जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने का सपना देखते हैं।