उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक युवक, विकास दुबे के साथ एक अजीब घटना घटी है जिसमें उसे डेढ़ महीने के अंदर सात बार सांप ने काटा है। इस अनोखे मामले ने न केवल स्थानीय लोगों में, बल्कि स्वास्थ्य विभाग में भी हलचल मचा दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विकास का मेडिकल परीक्षण किया, जिसमें पता चला कि सांप काटने के जो निशान हैं, उनमें से सिर्फ एक ही स्नेक बाइट की तरह दिखाई दे रहा है। शेष निशान संदिग्ध लग रहे हैं।
विषैले और गैर-विषैले सांपों की चुनौती
भारत में पाई जाने वाली 400 से अधिक प्रजातियों में से लगभग 60 प्रजातियां विषैली होती हैं। इनमें रसेल वाइपर, इंडियन कोबरा, इंडियन कॉमन करैत, और सॉ स्केल्ड वाइपर जैसे सांप शामिल हैं, जिन्हें सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है। नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता ने बताया कि अगर विषैला सांप किसी को काट ले, तो बिना इलाज के कुछ मिनटों में ही मौत हो सकती है।
एंटी वेनम की जरूरत और महत्व
एंटी वेनम इंजेक्शन विषैले सांप के काटने पर तत्काल दिया जाना चाहिए। डॉ. गुप्ता के अनुसार, विषैले सांप जैसे कोबरा या करैत ने किसी को काट लिया हो तो 40 से 45 मिनट के अंदर एंटी वेनम इंजेक्शन लगाना आवश्यक होता है। यह समय विष के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण होता है और जीवन रक्षा में सहायक हो सकता है।
सांप का विष: प्रकार और प्रभाव
सांप का विष मुख्यतः तीन प्रकार का होता है – न्यूरोटॉक्सिन, हेमोटॉक्सिन, और साइटोटॉक्सिन। न्यूरोटॉक्सिन वेनम नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। हेमोटॉक्सिन रक्त वाहिकाओं को और साइटोटॉक्सिन टिश्यूज को। ये विष गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे कि बेहोशी, मूर्छा, हाई ग्रेड फीवर, हार्ट फेल्योर आदि का कारण बन सकते हैं।
अजीबोगरीब मामले की समीक्षा
विकास दुबे के मामले में यह विचार किया जा रहा है कि ज्यादातर मामलों में गैर-विषैले सांपों ने ही उसे काटा होगा। क्योंकि अगर विषैले सांप ने काटा होता तो परिणाम अधिक गंभीर होते। इस प्रकार के मामलों में सटीक निदान और उपचार महत्वपूर्ण होता है।