लू की गर्मी हो या मानसून का चिपचिपा मौसम एयर कंडीशनर की सूखी हवा न केवल राहत मिलती है बल्कि घर के अंदर का वातावरण भी सुखद बनाए रखती है। विशेषकर मानसून के दौरान जब हवा में अधिक नमी होती है, तब एसी से मिलने वाली ठंडक वास्तव में अमूल्य होती है। लेकिन कई बार छोटी-छोटी गलतियों की वजह से न केवल कमरे की कूलिंग प्रभावित होती है बल्कि बिजली का बिल भी अधिक आता है।
कमरे को सही तरीके से सील करना
एसी की सही कूलिंग तभी संभव है जब आपका कमरा अच्छी तरह से सील हो। यदि दरवाजे और खिड़कियां ठीक से बंद नहीं हैं तो कूल एयर बाहर निकल जाएगी, जिससे कमरे की तापमान व्यवस्था प्रभावित होगी। खिड़कियों और दरवाजों के चारों ओर सीलिंग स्ट्रिप्स लगाना और किसी भी छोटे गैप को बंद करना एसी की कूलिंग क्षमता को बढ़ाएगा और ऊर्जा की खपत को कम करेगा।
बिजली की खपत
एक अच्छी तरह से सील किया गया कमरा न केवल कूलिंग को बेहतर बनाता है बल्कि बिजली की खपत को भी कम करता है। जब कमरे का तापमान सेट टेम्प्रेचर तक पहुंच जाता है, तो एसी का कंप्रेसर बंद हो जाता है और केवल फैन चलता है, जिससे ऊर्जा की खपत में काफी कमी आती है। यदि वातावरण खुला रहता है, तो कंप्रेसर लगातार चलता रहेगा जिससे बिजली का बिल बढ़ता है।
उपयोगकर्ता के लिए टिप्स
खिड़कियों और दरवाजों की जांच: नियमित रूप से खिड़कियों और दरवाजों के चारों ओर सील की जांच करें और उन्हें तंग करें।
तापमान सेटिंग: उचित तापमान पर एसी सेट करें जो न तो बहुत ठंडा हो और न ही अधिक गर्म। 24°C एक इष्टतम सेटिंग मानी जाती है।
रखरखाव: एसी के फिल्टर्स की नियमित सफाई और वार्षिक सेवा कराएं ताकि इसकी कूलिंग क्षमता बनी रहे।