उत्तर प्रदेश जो कि भारत का आर्थिक और जनसंख्या के दृष्टि से एक बड़ा राज्य है में सड़क संपर्क को और बेहतर बनाने के लिए नए एक्सप्रेसवे और हाईवे प्रोजेक्ट पर लगातार काम चल रहा है। इस दिशा में एक नया उद्यम नोएडा से कानपुर के बीच एक नए एक्सप्रेसवे का निर्माण है जिसकी योजना और डिजाइन अंतिम चरणों में हैं। इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर और कानपुर के मध्य यात्रा समय को कम करना और व्यापार संबंधों को मजबूती देना है।
निर्माण की विशेषताएँ और डीपीआर
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को तैयार किया है, जिसे जल्द ही सड़क परिवहन मंत्रालय से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 380 किलोमीटर होगी और यह बुलंदशहर, कासगंज, एटा, मैनपुरी और कन्नौज होते हुए कानपुर तक फैली होगी। इसे ग्रीनफील्ड परियोजना के तौर पर विकसित किया जा रहा है, जो कि अलीगढ़ होते हुए नोएडा तक बनाई जाएगी।
कनेक्टिविटी और आधुनिक सुविधाएं
इस एक्सप्रेसवे का एक प्रमुख लाभ यह होगा कि यह ग्रेटर नोएडा के सिरसा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा जिससे गाजियाबाद और फरीदाबाद के लिए भी सुगम कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट के पास इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों के लिए चढ़ने और उतरने की सुविधा के लिए एक विशेष लूप का निर्माण किया जाएगा। इससे एयरपोर्ट को नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी प्राप्त होगी जो यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगी।