उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए यात्रा करना जल्द ही महंगा हो सकता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने हाल ही में एक बड़े पैमाने पर हाईवे मोनेटाइजेशन प्लान की घोषणा की है जो अगले 20 साल तक इस पर चलने वाले वाहन चालकों से टोल वसूलेंगी जिसके तहत वह देश भर के लगभग 800 किलोमीटर लंबे हाईवे को निजी कंपनियों को बेचने जा रहा है। इसमें से 333 किलोमीटर का हाईवे यूपी में स्थित है जिसका उपयोग करने पर अब यात्रियों को नए सिरे से टोल देना होगा।
NHAI की मोनेटाइजेशन योजना और उसके असर
NHAI ने टोल ऑपरेट ट्रांसफर (ToT) मॉडल के तहत निजी कंपनियों को टोल वसूलने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मॉडल के अंतर्गत, निजी कंपनियां निश्चित समय के लिए हाईवे का संचालन करेंगी और उस दौरान वे वाहन चालकों से टोल वसूलेंगी। इस योजना से NHAI को बड़ी मात्रा में निवेश प्राप्त होगा जिसे वह अन्य राष्ट्रीय परियोजनाओं में उपयोग कर सकेगा।
यूपी में किन शहरों पर पड़ेगा असर
यूपी में इस निर्णय से प्रभावित होने वाले मुख्य शहरों में कानपुर, लखनऊ, अयोध्या और गोरखपुर शामिल हैं। कानपुर से गोरखपुर तक की यात्रा पर अब नए सिरे से टोल देना होगा जिससे यात्रा की लागत में बढ़ोतरी होगी।
अन्य राज्यों में NHAI की योजना का असर
ओडिशा और तमिलनाडु भी इस योजना का हिस्सा हैं। ओडिशा में चंडीखोल-भद्रक और पानीखोली-रिमूली हाईवे सेक्शन और तमिलनाडु में त्रिची-तंजावुर व मदुरै-तूतीकोरिन हाईवे सेक्शन निजी कंपनियों को सौंपे जाएंगे। इससे इन राज्यों में भी यात्रा लागत में बढ़ोतरी होगी।